राकेश टिकैत – ‘अभी खत्म नहीं होगा किसान आंदोलन’; मोदी सरकार के सामने राखी यह शर्त

डेस्क: भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों का आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, ‘ आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।

 

‘ उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणी की और कहा कि इसके लिए 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

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आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा ।

सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें : @Rakesh.Tikait

#farmersprotest

Rakesh Tikait (@Rakesh.Tikait) 19 Nov 2021

मोदी ने तीनों कृषि कानून निरस्त करने, एमएसपी पर समिति बनाने की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले करीब एक वर्ष से अधिक समय से विवादों में घिरे तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन कर रहे थे।

प्रधानमंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से जुड़े मुद्दों पर एक समिति बनाने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘ पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है।

” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है, हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही।

सुरजेवाला-कृषि कानून रद्द करने के लिए 29 नवंबर तक का इंतजार क्यों, अभी करे निरस्त

कांग्रेस ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा को सरकार के अहंकार की हार और किसानों के संघर्ष की जीत करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक रूप से अपना ‘अपराध’ स्वीकार किया है और अब ‘700 किसानों की मौत एवं किसानों के दमन’ के लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि देश की जनता को समझ में आ गया है कि भाजपा की हार के आगे ही देश की जीत है। अन्याय के खिलाफ यह जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!”

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि आज मोदी जी और उनकी सरकार के अहंकार की हार का दिन है। आज किसान विरोधी भाजपा और उनके पूंजीपति मित्रों की हार का दिन है। खेती को बेचने के षड्यंत्र की हार का दिन है। आज किसान, मंडी, मजदूर और दुकानदार की जीत का दिन है। आज 700 किसानों की शहादत की जीत का दिन है।

” उन्होंने यह भी कहा, ‘‘एक साल के संघर्ष के बाद भाजपा और अहंकारी प्रधानमंत्री को किसानों के सामने झुकना पड़ा। देश अब नहीं भूलेगा कि किसानों को कुचलने, झुकाने और दमन करने के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब जनता समझ गई कि भाजपा की हार के आगे ही जनहित, किसान, मजदूर और देश की जीत है।”

सुरजेवाला ने दावा किया, ‘‘मोदी जी ने आज सार्वजनिक रूप से अपना अपराध स्वीकार किया है। अब देश की जनता इस अपराध की सजा देगी। जितना श्रेय किसानों को जाता है उतना ही श्रेय पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के डर को भी जाता है।” उन्होंने सवाल किया, ‘‘मोदी जी यह भी बताइए कि न्यूनतम समर्थन मूल्य का रोडमैप और रास्ता क्या है?

आपने किसान की आय फरवरी, 2022 तक दोगुनी करने का वादा किया था और यह कब तक होगी? क्या पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी करने का इरादा है? खेती के उपकरणों पर जीएसटी से राहत देने का इरादा क्या है?”

सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि अगर दो जांच एजेंसियों के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने के लिए आनन-फानन में अध्यादेश लाए जा सकते हैं तो फिर सरकार इन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए अध्यादेश क्यों नहीं ला सकती थी? उन्होंने कहा कि 700 किसानों की मौत के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री आगे आकर माफी मांगें।” बता दें कि पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में इसके लिए समुचित विधायी उपाय किए जाएंगे।

चढूनी का PM मोदी पर तंज, बोले- दुनियां का सबसे हठी आदमी आज किसानों के आगे झुक गया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन कृषि कानून के वापिस लेने के ऐलान के बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने अपना पहला बयान जारी किया है। चढूनी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनियां का सबसे हठी आदमी किसानों के आगे आज झुक गया है। उन्होंने कहा कि अभी भी हैं कई मुद्दे पेंडिंग। शहीद हुए किसानों को मुआवजा और एसएसपी को पक्का करने पर अभी तक कोई चर्ची नहीं की गई है। चढूनी ने कहा कि इस संबंध में जल्द ही संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बैठक की जाएगी।

उन्होंने कहा कि जब तक संसद में ये कानून रद्द नहीं होते, तब तक विश्वास नहीं किया जा सकता। इस आंदोलन को चलने 1 साल से ज्यादा हो चुके है। अबतक इस आंदोलन में 700 लोग की मौत हो चुकी है। कई किसान इस दौरान घायल भी हुए। अखिरकार किसानों का मेहनत रंग लाई और मोदी सरकार को ये कानून वापिस करन पड़े।

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