हरियाणा राज्य द्वारा 5000 पदों पर नई भर्ती, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की शैक्षणिक योग्यता में बदलाव
प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की शैक्षणिक योग्यता में बड़ा बदलाव करने की तैयारी चल रही है। इसे लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजा गया है.
सरकार की मंजूरी मिलने के बाद कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की नई शैक्षणिक योग्यता में मानक परिणाम लागू होने जा रहे हैं। प्रस्ताव के मुताबिक वर्कर के लिए योग्यता 12वीं पास रखी गई है और यह भी देखा जा रहा है कि हेल्पर पद के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं की बजाय 10वीं पास की जाए.
शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास करने का सरकार का मुख्य उद्देश्य आंगनबाडी को प्ले स्कूल में तब्दील करना है। 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल में बदल दिया गया है जबकि 4000 और स्कूलों को प्ले स्कूल में बदला जाएगा।
दोस्तों, आपको बता दें कि पहले सरकार ने ग्रुप सी के सभी पदों के लिए 12वीं कक्षा पास और ग्रुप डी के सभी पदों के लिए 10वीं कक्षा पास निर्धारित की थी, लेकिन वर्तमान में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की शैक्षणिक योग्यता 10वीं कक्षा पास होने का सुझाव दिया गया है। जबकि हेल्पर के लिए शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास निर्धारित है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वर्तमान में कर्मचारियों के समूह का 25% पदोन्नति के लिए आरक्षित है। यह भी देखा जा रहा है कि इन पदों को 25 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी तक किया जा सकता है. इसलिए दोनों पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास करने का प्रस्ताव किया गया है.
प्रारंभ में, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 5वीं पास के रूप में नियुक्त किया गया था जबकि अनपढ़ महिलाओं को भी सहायिका के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्तमान में राज्य में 25965 आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से 1000 से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के पद रिक्त हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर ये भी आ रही है कि 4000 से ज्यादा हेल्पर के पद भी खाली हैं.
अगर सरकार की ओर से नए शैक्षणिक मानदंड लागू किए जाते हैं तो इन पदों पर भर्ती नए नियमों के तहत की जाएगी. आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन संबंधित प्रदेश महासचिव बिजनेस राणा का कहना है कि शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने पर कोई आपत्ति नहीं है। महिलाएं आंगनबाड़ियों का प्रबंधन कर सकेंगी, बेहतर काम कर सकेंगी और बेहतर शिक्षा हासिल कर सकेंगी। इन्हें प्ले स्कूल में तब्दील किया जा रहा है। इस फैसले का स्वागत भी किया जा रहा है.