चंडीगढ़ : विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विधायकों ने इस बार अपने क्षेत्र और प्रदेश के मुख्य मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही खुद की भी चिंता की। विधायकों ने अपनी पेंशन, भत्तों, कार व घर के लिए मिलने वाले ऋण की राशि में बढ़ोतरी करने की मांग रखी। सत्र के दौरान विधायकों ने मंत्रियों के लिए खरीदी जाने वाली लग्जरी गाड़ियों का तो विरोध किया मगर अपने लिए कार चालक व निजी सचिव की सुविधा देने का मुद्दा उठाया।अपनी मांगों को लेकर कुछ विधायकों ने अनौपचारिक रूप से मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मुलाकात की।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि विधायकों को ज्यादा सुविधा देने के क्रम में कई कारगर कदम उठाए हैं। इस क्रम में गुप्ता ने विधायकों को सरकार की तरफ से स्टेनोग्राफर देने की घोषणा की थी। कांग्रेस विधायक भारत भूषण बतरा ने सदन में कहा कि अभी तक उन्हें कोई स्टेनोग्राफर नहीं मिला है। इसके अलावा निजी सचिव के लिए सरकार से जो 15 हजार रुपये मासिक मिलते हैं, वह राशि भी कम है।
बतरा ने कहा कि विधायकों को विधानसभा की कमेटी में हिस्सा लेने के लिए महज दो हजार रुपये मिलते हैं। यह राशि कम है। उन्होंने विधायकों को वाहन भत्ते के रूप में 18 रुपये प्रति किलोमीटर को भी कम बताया। बतरा ने कहा कि डीजल-पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं, इसलिए भत्तों में बढ़ोतरी होनी चाहिए।
पहली बार चुने गए विधायकों को मिले पर्याप्त समय
सदन में कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने शून्यकाल में कहा कि 90 सदस्यों में से 41 सदस्य 2019 में पहली बार चुने गए। इन विधायकों को विधानसभा के सत्र के दौरान कोरोना अनुशासन का पालन कराने के लिए सदन के मुख्य कक्ष से दूर बैठाया गया। नीरज शर्मा का कहना था कि पहली बार चुने गए विधायकों को सदन में आगे बैठाया जाए ताकि वे सदन की कार्यवाही में ज्यादा सक्रियता से हिस्सा ले सकें। शर्मा ने यह भी कहा कि पहली बार चुने गए विधायकों को सदन में अपनी बात रखने का पूरा समय दिया जाना चाहिए। भाजपा विधायक नरेंद्र गुप्ता ने भी पहली बार चुने गए विधायकों को ज्यादा समय देने की मांग की।