विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के साथ कमाई का सुनहरा मौका, सरकार की नई योजना

चंडीगढ़ : विद्यार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है अब वह पढ़ाई के साथ-साथ अच्छी कमाई भी कर पाएंगे.  अब यह बच्चे खेतों में पढ़ाई के साथ कमाई भी कर पाएंगे. सरकार की नई योजना के तहत साइंस के विद्यार्थी मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने का काम करेंगे जिनकी एवज में उन्हें कमाई करने का मौका भी दिया जाएगा. मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने के लिए यह विद्यार्थी सैंपल उठाएंगे और लैब में जांच के काम में मदद करेंगे.

ली जाएगी विज्ञान संकाय के बच्चों की मदद

हरियाणा में कॉलेज और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पढ़ रहे विज्ञान संकाय के बच्चों की मदद अब खेती से जुड़े छोटे-छोटे कामों में ली जा सकेगी, जिसकी एवज में उन्हें कमाई करने का मौका मिलेगा. सरकार की नई योजना के तहत जिस गांव की मिट्टी से सैंपल लिए जाएंगे, उसी गांव के साइंस के विद्यार्थियों को यह काम सौंपा जाएगा. किसान मित्रों की मदद से छात्रों को सीखने का मौका मिलेगा.

बता दें मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट सत्र में घोषणा की थी. जिसके अनुसार ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ मुहिम चलाई जाएगी. इस अभियान के तहत मिट्टी की जांच की जाएगी और मिट्टी की गुणवत्ता के आधार पर कौन सी फसल उस जमीन में उगाई जाए, यह सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी. सरकार का लक्ष्य है कि चालू वित्त वर्ष में 25 लाख एकड़ भूमि की मिट्टी की जांच करवा ली जाए और उस मिट्टी की कैसी गुणवत्ता है इसी आधार पर फसल उगाई जाए. इसी कड़ी में अब सरकार द्वारा जल्द ही प्रत्येक एकड़ के मिट्टी के नमूनों को इकट्ठा करने और जांच करने का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया जाएगा.

स्कूल, कॉलेज और तकनीकी विश्वविद्यालय रहेंगे शामिल

अगले 3 वर्षों में इस काम को पूरा करने की योजना बना ली गई है. इसी कार्य के लिए गांव में पढ़ रहे विज्ञान संकाय के बच्चों की मदद ली जाएगी, जिसके बदले उन्हें कमाई का मौका मिलेगा. स्कूल कॉलेज खुलते ही विज्ञान के विद्यार्थियों को मिट्टी और पानी के नमूनों की जांच लेने के लिए कहा जाएगा और उन नमूनों को लैब में पहुंचाने का काम भी विद्यार्थियों को सौंपा जाएगा. बता दे मृदा जाँच का यह दूसरा चरण चलने वाला है. पिछले साल इसका पहला चरण था जब 115 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों का चयन किया गया था. अबकी बार 125 मृदा जांच प्रयोगशाला स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें स्कूल, कॉलेज और तकनीकी विश्वविद्यालय शामिल रहेंगे.

Exit mobile version