VIDEO-शिक्षकों में उठा पटक: Principal की कुर्सी के लिए दो शिक्षक आपस में भिड़े..
वायरल डेस्क : Principal की कुर्सी के लिए दो शिक्षकों में जमकर उठा पटक हो गई। मामला बिहार के मोतिहारी जिले के आदापुर का है, जहां शिक्षकों (teachers) की आपसी लड़ाई का वीडियो सोशल मीडिया (social medial) में खूब वायरल (viral) हो रहा है। वीडियो मे दो शिक्षक मामूली बात पर एक-दूसरे के साथ उठापटक कर रहे हैं और एक दूसरे के साथ मारपीट कर रहे हैं.

‘मैं वरीय तो मैं वरीय’ की लड़ाई ने एकाएक हिंसक रूप ले लिया और दोनों शिक्षक अपनी ताकत की जोर-आजमाइश करने लगे. मारपीट व उठापटक का यह वीडियो देखते ही देखते वायरल होने लगा. तस्वीरों में आप देख सकते है कि कैसे दो शिक्षक आदापुर के बीआरसी भवन (जहां डीईओ का कार्यालय भी है) में एक-दूसरे के साथ कैसे उठापटक कर रहे हैं और एक-दूसरे के खिलाफ अपशब्द कह रहे हैं.
मारपीट व उठापटक से जहां कार्यालय में कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल कायम हो गया वही इस लड़ाई को देखकर अन्य अधिकारियों व कर्मचरियों ने खिसकने में ही भलाई समझी. एक शख्स इन दोनों के झगड़े को सुलझाने व दोनों को हटाने का प्रयास करते जरूर दिख रहा है. दो गुरुओं के बीच की यह लड़ाई शिक्षा विभाग (education department) की कार्यशैली व अनियमितता को भी जगजाहिर करने के लिए काफी है.
बताया जा रहा है कि आदापुर के चैनपुर के सोनार टोला स्थित नव सृजित प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर head master) के प्रभार को लेकर महीनों से चले आ रहे विवाद के मामले में जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय के निर्देश के आलोक में आदापुर बीईओ हरेराम सिंह ने पत्र जारी कर वर्तमान प्रभारी एचएम शिवशंकर गिरी व वरीय शिक्षक होने की दावा करने वाली रिंकी कुमारी को शैक्षणिक व नियोजन से संबंधित कागजातों को तीन दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.
जिसे जमा करवाने के क्रम में दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी. फिर तू तू मैं मैं के बाद मामला मारपीट व उठापटक में तब्दील हो गई. इस संबंध में पूछे जाने पर बीइओ हरेराम सिंह ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें नही मालूम कि किस बात को लेकर दोनों में मारपीट व झगड़ा हुआ है. मामले की जांच की जा रही हैं. इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए जिला जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला अधिकारी से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके. मामला चाहे जो भी हो लेकिन इस मारपीट की घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर एकबार फिर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है