कैथल में डॉक्टर की जूतों के साथ पिटाई करने वाली नर्स की वीडियो हुई सीसीटीवी में कैद, क्या है मामला जानें
कैथल : हरियाणा के कैथल जिले में अदालत के आदेश पर स्वास्थ्य विभाग के 6 कर्मचारियों और एक अज्ञात पुलिसवाले के खिलाफ मारपीट और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया उनमें कैथल सरकारी अस्पताल का रेगुलर क्लर्क अक्षय कुमार, एनएचएम में कॉन्ट्रेक्ट पर कम्युनिटी नर्स के तौर पर काम कर रही प्रियंका रानी, केस रजिस्ट्री असिस्टेंट सुशील शर्मा, नशा मुक्ति केंद्र में आउटसोर्सिंग के तहत बतौर वार्ड अटेंडेंट कार्यरत संदीप कालिया, अटेंडेंट बलिंदर और पंचनाम वार्ड का स्वीपर कम अटेंडेंट शामिल है। पुलिसवाले की पहचान की जानी है। आरोप है कि इन लोगों ने एक पूर्व सरकारी डॉक्टर को जूतों से पीटा। बीती 26 अगस्त को यह घटना तब हुई जब उक्त पूर्व डॉक्टर अपनी आरटीआई का जवाब लेने अस्पताल पहुंचा।

कैथल सिविल अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी (दंत) और निगरानी एवं मूल्यांकन अधिकारी के रूप में काम कर चुके डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि वे आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं। उन्हें पता चला कि कैथल सिविल अस्पताल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध आधार पर कुछ कर्मचारियों को फर्जी डिग्री एवं अनुभव प्रमाण पत्र पर नियुक्ति दी गई है। इनमें से कुछ तो नौकरी करने के साथ-साथ पढ़ते भी रहे जो नियमों के खिलाफ है। इसी से जुड़ी एक शिकायत पर सेहत महकमे ने नर्स प्रियंका रानी और कई दूसरे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी। कैथल के एसडीएम ने भी अपनी जांच में पाया कि प्रियंका ने सिविल अस्पताल के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी की। इस समय ये मामला कोर्ट में है।
7 के खिलाफ केस, 12 धाराएं लगाई
डॉ. विनय गुप्ता के अनुसार, इसी केस में अदालत में सबूत पेश करने के मकसद से उन्होंने कैथल सिविल अस्पताल प्रबंधन से आरटीआई के तहत कुछ रिकॉर्ड मांगा। 26 अगस्त को उन्हें अपनी आरटीआई का जवाब लेने के लिए सिविल अस्पताल बुलाया गया। जब वह अस्पताल पहुंचे तो वहां नर्स प्रियंका ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन्हें जूतों से पीटा। उन्होंने इससे जुड़ी शिकायत पुलिस थाने में दी मगर पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। इस पर उन्हें कैथल जिला अदालत की शरण लेनी पड़ी।
उनका पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने कैथल सिविल लाइन थाना प्रभारी को आरोपी नर्स प्रियंका समेत 6 सेहतकर्मियों और एक अज्ञात पुलिसवाले पर केस दर्ज करने के निर्देश दिए। अदालत के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने सातों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 323, 342, 347, 355, 420, 467, 468, 471, 500, 506, 34, 120-बी के तहत केस दर्ज कर लिया है।
आरोपियों में कैथल सरकारी अस्पताल का रेगुलर क्लर्क अक्षय कुमार, एनएचएम में कॉन्ट्रेक्ट पर कम्युनिटी नर्स के तौर पर काम कर रही प्रियंका रानी, केस रजिस्ट्री असिस्टेंट सुशील शर्मा, नशा मुक्ति केंद्र में आउटसोर्सिंग के तहत बतौर वार्ड अटेंडेंट कार्यरत संदीप कालिया, अटेंडेंट बलिंदर और पंचनाम वार्ड का स्वीपर कम अटेंडेंट शामिल है। इन लोगों पर मारपीट, धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज पेश करने, मानहानि, जान से मारने की धमकी देने और पूरी साजिश के तहत मारपीट करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। सब इंस्पेक्टर विक्रम यादव ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पूरी घटना सीसी कैमरों में कैद
डॉ. विनय गुप्ता का केस लड़ रहे एडवोकेट ने बताया कि उनके मुवक्किल ने प्रियंका नामक नर्स द्वारा कैथल सरकारी अस्पताल में की गई धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार से संबंधित कुछ जानकारी आरटीआई के तहत मांगी। बीती 26 अगस्त को कैथल सिविल अस्पताल के तत्कालीन प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. शैलेंदर ममगाई ने फोन करके उनके मुवक्किल को अपने कार्यालय में बुलाया। इसका पता जैसे ही आरोपियों को लगा तो उन्होंने नर्स प्रियंका के उकसावे पर उसके साथ मिलकर डॉ. विनय गुप्ता पर हमला कर दिया और उन्हें जूतों से पीटा। यह पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई।