जींद : हरियाणा के जींद जिले में खटकड़ व बद्दोवाल टोल प्लाजा पर चल रहा किसानों का धरना मंगलवार को औपचारिक रूप से समाप्त हो गया। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी, राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उग्राह, अभिमन्यु कोहाड़ आदि ने दोनों टोल प्लाजा पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की।
इस मौके पर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने एक साल तक आंदोलन नहीं लड़ा, बल्कि आंदोलन लड़ने की ट्रेनिंग हुई है। अभी बड़ा आंदोलन बाकी है। ऐसे में उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे घर जाकर अपनी जत्थेबंदियां तैयार करें। अपनी ट्रॉली को नया रंग करें।
राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के किसानों ने लड़ा है। उन्होंने कहा कि विरोधी बहुत चालाक है। वह आपस में लड़वाकर किसान आंदोलन कमजोर करेगा, लेकिन किसानों को मजबूती से डटे रहना है। हमें सबसे पहले एमएसपी की लड़ाई लड़नी है। एसवाईएल का मुद्दा सरकार का है और सरकार इसको हल करे। किसान नेता ने कहा कि अभी हरियाणा के किसान पंजाब से एसवाईएल का पानी नहीं मांगें, नहीं तो पंजाब के किसान कहेंगे कि हरियाणा वाले अपने स्वार्थ में साथ लगे हुए थे।
वहीं, गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अभी आंदोलन स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं। ऐसे में किसानों को अगली लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इतनी आसानी से एमएसपी देने वाली नहीं है। इसके लिए लड़ाई लड़ने को किसान तैयार रहें।
गुरनाम सिंह चढूनी सुबह करीब 11 बजे बद्दोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होगी। इसमें आंदोलन की आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के पास बाकी मांगें मानने के लिए अभी एक महीने का समय है। इस दौरान सरकार की नीति और नीयत का पता चल जाएगा। यदि सरकार बाकी मांगों पर आगे नहीं बढ़ती है तो किसानों को अगले आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए।
वहीं राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के किसानों ने लड़ा है। उन्होंने कहा कि विरोधी बहुत चालाक है। वह आपस में लड़वाकर किसान आंदोलन कमजोर करेगा, लेकिन किसानों को मजबूती से डटे रहना है। हमें सबसे पहले एमएसपी की लड़ाई लड़नी है। एसवाईएल का मुद्दा सरकार का है और सरकार इसको हल करे।