‘कोको’ का मतलब राकेश टिकैत ने हरियाणा आ कर बताया, यूपी चुनाव में हो रहा जमके इस्तेमाल

कैथल : यूपी चुनाव की चर्चा हरियाणा में। राकेश टिकैत कैथल पहुंचे तो यहां भी चुनाव की चर्चा छिड़ गई। इस बार राकेश टिकैत की जुबा पर सरकार और कोको का नाम छाया रहा। बात-बात पर राकेश टिकैत कहते नजर आए कि कोको ले गई वोट। आइए जानते हैं यूपी चुनाव में कोको की बार-बार क्‍यों चर्चा हो रही है।

प्रेसवार्ता करते हुए राकेश टिकैत ने सरकार ने निशाना साधा। साथ ही उत्‍तर प्रदेश चुनाव में समर्थन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को संदेश मिल चुका है। इस बार तो भाजपा का वोट कोको ले गई। भारतीय किसान नेता राकेश टिकैत की ओर से इस्‍तेमाल किए गया शब्‍द कोको खासा चर्चा में है। उनके बयान के बाद राष्‍ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने भी इस पर ट्वीट किया। अब कैथल पहुंच तो फिर कोको पर चर्चा शुरू हो गई।

टिकैत ने कहा कि अब देश में हर समस्या का हल आंदोलन से होगा। हरियाणा में बुढ़ापा पेंशन काटी जा रही है, जिसके विरोध में बुढ़ा आंदोलन शुरु करेंगे। इसमें बुजुर्गों काे इकट्ठा करेंगे, क्योंकि सरकार अब बुजुर्गों को बच्चों के सामने भिखारी बना दिया है। देश को मजदूर कालोनी बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 13 महीने के आंदोलन में कुछ समझौते हुए थे। सरकार तो मिली नहीं थी, जो भी समझौते हुए थे वह कागज पर ही हुए थे। कागज किसने भेजे थे, कुछ नहीं पता। समझौते के वक्त बात करने वालों के फोन नंबर भी अब बंद है। उसके बाद लोग सरकार की तलाश कर रहे हैं। पता चला था कि उत्तरप्रदेश गई है, उसके पीछे-पीछे वहां गए, लेकिन नहीं मिली। टिकैत ने कहा कि देश में इस तरह की सरकार नहीं चाहिए जो तानाशाह हो।

13 महीने के आंदोलन के बाद भी सरकार नहीं मिलती हो तो ऐसी सरकार नहीं चाहिए। उस वक्त समझौता करना समय की मांग थी, क्योंकि अगर आंदोलन खत्म नहीं होता तो यह तोड़फोड़ करते। उन्होंने कहा कि देश की सभी संस्थाओं पर अब तानाशाहों का कब्जा हो चुका है। चुनाव के बारे में उन्होंने कहा कि जनता खुद तय करेगी कि किसे वोट देनी है, किसे नहीं। वोट कैसे मिलेगी, देश में अब बस यही प्लानिंग चल रही है। टिकैत ने कहा कि वह सिर्फ इशारा करते हैं, लेकिन चुनाव में किसी को समर्थन नहीं करेंगे।

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