भिवानी के इस गांव के लोगों की ज़मीन हो रही बंजर, कहा-आश्वासन नहीं पानी दो

भिवानी : भारत की आधी से ज्यादा जनसंख्या कृषि पर निर्भर है. जो किसान पूरे देश के लिए अनाज उगता है वह खुद भरपेट दो वक़्त का खाना भी नहीं खा पाता, क्योंकि कृषि में उन्हे इतना मुनाफा नहीं होता.

 

यहाँ तक की सरकार कृषि के लिए उन्हे सिंचाई की व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं करा पाती. भिवानी के उमरावत गांव में किसानो को नहरी पानी ना मिलने से उनकी जमीन अब बंजर होने लगी है, क्योंकि वे साल में केवल एक ही फसल जैसे सरसो ही उगा पाते है. ऐसे में किसानो को अपना खर्चा चलाना भी मुश्किल होता जा रहा है. आपको बता दें कि उमरावत में जब पुरानी वाली नहर थी, तब खेतो में सिचाई के लिए पानी पर्याप्त मात्र में उपलब्ध हो जाता था, लेकिन जब से सरकार ने नहर का नवीनीकरण करवाया है, तब से नहर में थोड़ा भी पानी नहीं आ रहा. जिससे सिचाई करने में किसानो को दिक्कते आ रही हैं, ऐसा उमरावत के किसानो का कहना है.

किसानो को अब आश्वासन नहीं, पानी चाहिए

अमरावत के किसान मांगेराम ओमप्रकाश, रामधारी, भोलूराम व रामनिवास ने बताया कि कई बार बड़े-बड़े नेता नहर बनने के समय पर आये और कहा कि अब खूब पानी आएगा. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. उन्होंने कई बार इसकी शिकायत अधिकारियो से भी की, लेकिन सभी ने सिर्फ आश्वासन दिया, पानी नहीं. गांव के सरपंच ने बताया कि वे इस मामले में कई बार अधिकारियो और यहाँ तक क़ी भिवानी दौरे पर आये मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मिल चुके है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.

बैंक का लोन चुकाने के लिए किसानो ने बेच दी है अपनी जमीनें

जब शुरू में पानी नहीं आया तो किसानो ने ये समझा क़ी बाद में पानी आ जायेगा, ये सिर्फ इस साल के लिए है और बैंक से ऋण ले लिया. लेकिन जब बाद में भी यही स्थिति बनी रही और उनकी फसल नहीं हुई, तब बैंक का ऋण चुकाने के लिए उन्हे अपनी जमीन तक बेचनी पड़ी. क्योंकि जमीन बेचने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं था.
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