हरियाणा: परिवार पहचान पत्र योजना से सरकार के पास पहुंचा 40 लाख परिवारों का डाटा, फॅमिली का सारा बही खाता तैयार

चंडीगढ़ : हरियाणा के सरकारी, निजी बैंकों के सामने अब पूरे परिवार के कर्ज का बहीखाता होगा। प्रदेश सरकार (State Government) की परिवार पहचान पत्र योजना (Pariwar Pahchan Patra Yojna) से यह संभव हुआ है। 40 लाख परिवारों का ब्योरा जुटा लिया है और 15 लाख परिवारों का जल्दी एकत्रित कर लिया जाएगा।

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यह खुलासा सोमवार को वित्त विभाग (Finance Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद (TVSN Prasad) ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक में किया। उन्होंने कहा कि सिबिल में तो कर्ज लेने वाले के बारे में ही जानकारी मिलती है, पीपीपी में पूरे परिवार का ब्योरा है।

उन्होंने कहा कि एक परिवार के कितने सदस्यों ने कौन-कौन सी योजनाओं में लोन लिया है, कितनी राशि चुकाई है, कौन कर्ज चुकाने के मामले में दागी है। अगर एक परिवार में दो या इससे अधिक भाई हैं और संयुक्त परिवार में रहते हैं तो उनके, बच्चों, पत्नियों के नाम पर लिए गए कर्ज का पूरा ब्योरा एक क्लिक पर सामने आ जाएगा।

किस संपत्ति पर लोन लिया है, ये भी जानकारी मिलेगी। निजी लोन है या किसी सरकारी योजना के तहत राशि ली है, यह सारा डाटा अब बैंक सरकार से ले सकते हैं। इससे बैंकों को लोन डिफाल्टरों के केस कम करने में मदद मिलेगी। चूंकि, परिवार का एक सदस्य लोन डिफाल्टर है और दूसरा उसी संपत्ति पर कर्ज लेना चाहता है तो भविष्य में नहीं मिलेगा।

दक्षिण के राज्यों के फल, कश्मीर के सेब नहीं होंगे खराब
प्रसाद ने कहा कि दक्षिण के राज्यों से हरियाणा आने वाले फल व कश्मीर के सेब भविष्य में खराब नहीं होंगे। केएमपी के साथ हरियाणा सरकार खुद नई रेल लाइन बना रही है। इसके जरिये दक्षिण के फल व कश्मीर का सेब सीधे प्रदेश की मंडियों में पहुंचेगा। अभी दिल्ली व कुंडली सीमा पर कई-कई दिन तक बाहर से आने वाला सामान फंसा रहता है। जिससे 30-40 फीसदी फल खराब हो जाते हैं।

और दिल्ली पहुंच जाएंगे 45 मिनट में
नई रेल लाइन से राजस्थान, महाराष्ट्र व दक्षिण के राज्यों को काफी सुविधा होगी। दिल्ली-करनाल हाई स्पीड ट्रेन की डीपीआर तैयार हो गई है। ये रेलवे लाइन बनने से 40-45 मिनट में दिल्ली पहुंच जाएंगे। अभी दो घंटे लगते हैं। दिल्ली-अलवर रेलवे लाइन पर काम चल रहा है। प्रदेश सरकार जल्द ही हरियाणा इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करेगी। इससे ढांचागत विकास में बड़ी मदद मिलने वाली है

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