हरियाणा में शराब खरीदने, बेचने और पीने की उम्र अब हुई 21, आबकारी अधिनियम में संशोधन

चंडीगढ़ : हरियाणा में अब 21 वर्ष की आयु पार कर चुके युवा शराब बिक्री का लाइसेंस ले सकेंगे। सरकार ने लाइसेंस प्रदान करने की आयु सीमा 25 वर्ष से घटाकर 21 साल कर दी है। अब शराब सेवन के लिए भी यही आयु मानी जाएगी। दिल्ली सरकार की तर्ज पर यह फैसला लिया गया है। हरियाणा आबकारी (संशोधन) विधेयक, 2021 सदन में बुधवार को पारित होने से इसका रास्ता साफ हुआ।

कांग्रेस की ओर से इस संशोधन पर विधायक किरण चौधरी और गीता भुक्कल ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि शराब बिक्री और सेवन की अधिकृत आयु 21 साल करने से युवा इस ओर आकर्षित होंगे। यह संशोधन अनुचित है। इसे सरकार वापस ले। सरकार ने आपत्ति के बावजूद विधेयक पारित करा लिया।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा आबकारी अधिनियम,1914 की धारा 27 में प्रावधान था कि देशी शराब या नशीली दवाओं के निर्माण, थोक या खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस 25 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता है।

धारा 29 पच्चीस वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को शराब बेचने या वितरित करने के लिए प्रतिबंधित करती है। धारा 62 में प्रावधान है कि यदि कोई लाइसेंस धारक या उसका कर्मचारी 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को कोई शराब या नशीली दवा बेचता है, तो वह किसी भी अन्य दंड के अतिरिक्त 50,000 रुपये तक के जुर्माने का पात्र होगा।

वर्ष 2021-22 के लिए आबकारी नीति तैयार करते समय यह चर्चा की गई थी कि तय आयु सीमा को 25 वर्ष से घटाकर इक्कीस वर्ष किया जा सकता है। अब सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में पूर्व की तुलना काफी बदलाव आया है। युवा अब अधिक शिक्षित हैं, और शराब पीने की बात आने पर तर्कसंगत निर्णय भी ले सकते हैं।

ये विधेयक भी हुए पारित

इसे मुख्य रूप से हरियाणा अनुसूचित सड़कों और नियंत्रित क्षेत्रों के अनियंत्रित विकास प्रतिबंध अधिनियम, 1963 की धारा 12 ग (1) के प्रावधानों को स्पष्ट करने के लिए पारित किया गया। इसमें स्पष्ट वैधानिक प्रावधान होंगे, जिससे परस्पर विरोधी न्यायिक घोषणाओं से निपटा जा सकेगा। सरकार की
हरियाणा नगरपालिका क्षेत्रों से बाह्य क्षेत्रों में अपूर्ण नागरिक सुख-सुविधाओं तथा अवसंरचना का प्रबंधन (विशेष उपबंध) विधेयक,2021 पारित किया गया। इससे नगरपालिका क्षेत्र से बाहर बसी कालोनियों को भी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इसका उद्देश्य निवासियों की जीवन स्थिति को सुधारना है। मानवीय आधार पर ऐसी कालोनियों में स्वस्थ जीवन को सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम अवसंरचना प्रदान की जाएगी। विधेयक पारित होने के बाद निवासियों को बिजली, पानी, सीवरेज, सड़क सुविधा मिलेगा।
पंचकूला महानगर विकास प्राधिकरण अधिनियम, 2021 को संशोधित किया गया है। इसकी धारा 5(ण) के अनुसार प्राधिकरण में पदेन सदस्य के रूप में मंडल आयुक्त पंचकूला लिखा गया था। जब यह देखा गया कि मंडल आयुक्त, पंचकूला के रूप में कोई पद सृजित नहीं है और जिला पंचकूला मंडल आयुक्त, अंबाला के प्रशासनिक नियंत्रण में है तो ‘मंडल आयुक्त पंचकूला’ को ‘मंडल आयुक्त, अंबाला’ शब्द और चिह्न से बदलने के लिए संशोधन विधेयक लाना पड़ा।
हरियाणा कृषि उपज मण्डी अधिनियम, 1961 को आगे संशोधित किया गया है। करने के लिए हरियाणा कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2021 पारित किया गया है। इससे किसानों को लाभकारी मूल्य मिलने और मंडी फीस लगाने का रास्ता साफ हुआ है। ऐसे प्रसंस्कृत उत्पाद जो कच्ची सामग्री के रूप में प्रयुक्त करने के लिए सीधे किसानों से नहीं, मुख्य रूप से व्यापारियों से खरीदे जाते हैं। उन पर उपयुक्त मंडी शुल्क लगाया जाएगा।
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