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गरीब बच्चों को फ्री दाखिला देने में निजी स्कूल कर रहे संकोच, 5000 निजी स्कूलों ने नहीं दी खाली सीटों की जानकारी

चंडीगढ़: हरियाणा के निजी स्कूलों (private school) में नियम 134ए के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला (free admission) देने में प्राइवेट स्कूल हिचक रहे हैं। यही वजह है कि अब तक प्रदेश भर के 3459 निजी स्कूलों में 98 हजार 952 सीटें खाली पड़ी हैं। हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों की धारा 134ए के तहत गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दाखिला देने का नियम है। उनके लिए कुल सीटों की 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित (reserved) होती हैं। इन सीटों को 10 प्रतिशत करने तथा गरीब बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति कराने की मांग निजी स्कूल लगातार कर रहे हैं। प्रदेश सरकार (state government) इन स्कूलों को बच्चों की फीस दे भी रही है, लेकिन मिलने वाली फीस से निजी स्कूल संचालक संतुष्ट नहीं हैं।

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पांच हजार से अधिक निजी विद्यालयों ने नियम 134ए (rule 134 a) के दाखिलों के लिए खाली सीटों से जुड़ी कोई जानकारी शिक्षा निदेशालय (education department) को नहीं दी है। 18 से 22 अक्टूबर तक प्रदेश भर के निजी स्कूलों द्वारा दर्शाई गई खाली सीटों की वेरीफिकेशन (verification) की जानी हैं, मगर अभी तक आधे से भी कम निजी विद्यालयों की सूचना शिक्षा विभाग के पास आई है। प्रदेश भर के 8600 निजी स्कूलों में करीब ढाई लाख गरीब बच्चों के दाखिला के लिए कक्षा दूसरी से बारहवीं तक सीटें खाली पड़ी हैं, मगर निजी विद्यालय गरीब बच्चों को दाखिला देना तो दूर शिक्षा विभाग को सही सूचना तक नहीं दे रहे हैं।

प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिले के लिए 24 अक्टूबर से सात नवंबर तक आनलाइन आवेदन (online applications) किए जाने हैं। 11 नवंबर को पात्र गरीब बच्चों की सूची तैयार किए जाने और 14 नवंबर को असेसमेंट टेस्ट (assesment test) का शेड्यूल निर्धारित करने की योजना है। 19 नवंबर तक रिजल्ट तैयार होगा और 24 नवंबर को पहला दाखिला ड्रा (admission draw) निकाला जाएगा, जिसके बाद 26 नवंबर से आठ दिसंबर तक दाखिले होने हैं।

नियम 134ए के तहत पात्र बच्चों के दाखिला के लिए बच्चे व अभिभावक का आधार कार्ड, बच्चे के जन्म का प्रमाण, रिहायशी प्रमाण, आय प्रमाण एवं बीपीएल का राशन कार्ड अनिवार्य दस्तावेज हैं। आनलाइन दाखिला (online admission) में सिर्फ सूचनाएं भरनी हैं, लेकिन बच्चे को अलाट हुए स्कूल में यह दस्तावेज फिजिकल वैरीफिकेशन के दौरान पेश करने होंगे। सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले बच्चों का असेसमेंट टेस्ट नहीं होगा। उनकी मेरिट लिस्ट शिक्षा विभाग अलग से तिमाही असेसमेंट के हिसाब से तैयार करेगा।

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