PHD Admission के लिए अब NET और यूजी, पीजी के लिए CET होगा जरूरी,UGC ने किये बड़े बदलाव

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने देश भर के केंद्रीय सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों (centrally aided universities) में रिसर्च, अंडर-ग्रेजुएट और पोस्ट-ग्रेजुएट दाखिले को लेकर बड़े फैसले किये हैं। आयोग ने पीएचडी दाखिले (PhD Admissions) लिए राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा (national entrance exam) यानि नेट परीक्षा (NET Exam) उत्तीर्ण जरूरी कर दिया है।

साथ ही, इन केंद्रीय सहायता प्राप्त उच्च शिक्षा संस्थानों (higher education institutions) में विभिन्न स्नातक और परास्नातक (Bachelors and Masters) पाठयक्रमों में दाखिला सामान्य प्रवेश परीक्षा यानि सीईटी (CET) के माध्यम से लिए जाने की निर्देश दिये हैं। यूजीसी द्वारा पीएचडी, पीजी और यूजी दाखिले के लिए जारी किये नये नियम अगले शैक्षणिक सत्र यानि 2022-23 से लागू होगा।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए केंद्रीय पात्रता परीक्षा (central eligibility test) या सीईटी राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (CET National Examination Agency) द्वारा कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। प्रवेश के लिए सीईटी स्कोर (CET Score) पर विचार करने के लिए निजी और अन्य डीम्ड विश्वविद्यालयों (deemed universities) को भी यूजीसी (ugc) ने सुझाव दिये हैं। बता दें कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए सीईटी इस साल से शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था।

यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (Vice Chancellors) को लिखे पत्र में लिखा है, ” सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (common entrance test) के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है। ये परीक्षाएं कम से कम 13 भाषाओं में आयोजित की जाएंगी। जो एनटीए पहले से ही जेईई और एनईईटी परीक्षा आयोजित कर रहा है। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को इच्छुक राज्य / निजी विश्वविद्यालयों / डीम्ड यूनिवर्सिटीज द्वारा भी अपनाया जा सकता है।” परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति, एनईपी 2020 के अनुसार प्रस्तावित किए गए हैं।”

एनईपी ने देश के सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए एक केंद्रीय परीक्षा (central exam) का प्रस्ताव रखा था, जिससे बोर्ड परीक्षाओं पर निर्भरता कम हो गई। सीईटी से सभी छात्रों के लिए एक समान प्लेटफॉर्म प्रदान करने की भी उम्मीद है। वहीं, अब शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू होने की उम्मीद है, जो अगले वर्ष के छात्रों के लिए है।

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