भिवानी के सामान्य अस्पताल के वॉर रूम में ना लाइट, ना पंखा, रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए लैपटॉप भी ले लिए वापस

भिवानी : भिवानी स्थित सामान्य अस्पताल के वॉर रूम में अव्यवस्थाओं का ताँता लगा हुआ है. कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूकता और टीकाकरण के प्रति सतर्कता शायद अब कागज़ों तक ही सीमित रह गई है. टीकाकरण अभियान शुरू तो किया गया, पर वॉर रूम में ना तो सुरक्षा नियमों का पालन किया जा रहा है, न ही कर्मचारियों के लिए कोई सुविधा स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गई है. इतना ही नहीं अधिकारियों की तरफ से रजिस्ट्रेशन करने के लिए लैपटॉप सौंपे गए थे, अब वह लैपटॉप भी वापस ले लिए गए हैं.

रजिस्ट्रेशन कर रहे मोबाइल से

अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि कर्मचारियों को लैपटॉप की अनुपस्थिति के कारण अपने मोबाइल फोन से आने वालों का रजिस्ट्रेशन करना पड़ रहा है. बात करें यह वार रूम के पिछले हिस्से की, तो वहां बैठे कर्मचारियों को इस तपती गर्मी में पसीने से सराबोर होना पड़ रहा है. क्योंकि वहां बिजली की व्यवस्था ही नहीं है, ना ही पंखा है. वही सैंपलिंग काम भी स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा बिना पीपीई किट के ही किया जा रहा है.

अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारी खुद स्वास्थ्य विभाग ने

वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने घोषणा कर दी की मौके पर ही रजिस्ट्रेशन करवाकर वैक्सीन लगाई जा सकती है. अब यह घोषणा स्वस्थ विभाग के लिए मुसीबत बन गई है. ज्यादातर लोग बिना रजिस्ट्रेशन करवाएं ही वैक्सीनेशन करवाने के लिए आ रहे हैं. जिन लोगों ने कोई भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं किया है ना ही कोई स्लॉट बुक कराया है ऐसे लोग लोग बिना किसी अपॉइंटमेंट के तय सीमा से 4 गुना संख्या में पहुंच रहे हैं. इसलिए अनुमान से ज्यादा भीड़ आ रही है.

इस भीड़-भाड़ के माहौल में कोरोना संबंधित गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है. लोग आपस में धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना सैंपलिंग के लक्ष्य का केवल 10 से 12 फ़ीसदी आंकड़ा ही छुआ जा रहा है, जबकि रोजाना के 5000 सैंपल का लक्ष्य दिया गया था.

कुछ ही दूरी पर स्थित है सीएमओ ऑफिस फिर भी हाल है ऐसा

बता दें कि वार रूम और सिविल सर्जन कार्यालय के बीच में महज कुछ कदमों की ही दूरी है. जहां पर कार्यालय में सिविल सर्जन सहित डिप्टी सिविल सर्जन और नोडल ऑफिसर भी बैठते हैं. लेकिन शायद उन्हें लोगों की इस तरह उमड़ती भीड़ दिखाई नहीं दे रही. अव्यवस्थाओं के चलते जो भीड़ इकट्ठा हो रही है, वह कहीं ना कहीं संक्रमण को बढ़ावा देने का काम ही कर रही है.

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