राशन कार्ड धारकों के खातों में आएँगे सरसों के तेल के बदले रुपए, बैंक खातों की जांच जारी

यमुनानगर : सरकार द्वारा प्रदेश के राशन कार्ड धारकों के लिए सरसों के तेल के बदले रुपए भेजने की योजना बनाई गई थी. ऐसा प्रदेश के 27,04,855 बीपीएल परिवारों के लिए किया गया था. लेकिन अब उन्हें हर महीने मिलने वाले सरसों के तेल के बदले मिलने वाले रुपयों का और ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है, क्योंकि इन परिवारों को मिलने वाले ₹250 वेरिफिकेशन के फेर में उलझ गए.

वारीफिकेशंन है बाकी

फिलहाल इनके बैंक खातों के नंबरों की जांच की जा रही है जो कि अभी तक पूरी नहीं हो पाई है. ऐसे में सरकार बैंक खातों में रुपए डाल नहीं सकती. फिलहाल इनके नंबर चेक करने के निर्देश मुख्यमंत्री की तरफ से दिए जा चुके हैं. इस मामले में डीएफएससी कुशल बूरा द्वारा बताया गया कि सब के अकाउंट हेड ऑफिस में है जहां से वेरिफिकेशन का कार्य किया जाना बाकी है. बता दें कि सरकार द्वारा एक नई योजना के तहत सरसों के तेल के बदले उपभोक्ताओं के खातों में रुपए भेजे जाने की कवायद शुरू की गई थी. ऐसा सरसों के दाम बढ़ने के बाद तेल के दाम बढ़ने के कारण किया गया था.

डिपो पर दिया जा रहा था 20 रूपए लीटर तेल-बाजार में 250 रुपए

बता दें कि सरसों के प्रति लीटर तेल की कीमत ₹160 तक पहुंच गई तथा डिपो पर तेल ₹20 प्रति लीटर की दर से दिया जा रहा था. लेकिन डिपो पर सरसों के तेल की सप्लाई रोक दी गई तथा इसके बदले उपभोक्ताओं को 250 रुपए प्रति परिवार के हिसाब से खातों में रुपए डालने की घोषणा कर दी गई थी. हालांकि यह मई में मिलने वाले थे, लेकिन अभी तक किसी के भी बैंक खातों में रुपए नहीं आ पाए हैं.

इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि बीपीएल कार्ड बहुत समय पहले बनाए गए थे. लेकिन इस प्रकार की योजना सरकार द्वारा पहली बार लागू की गई है जब सरकार द्वारा डिपो पर सामान की बजाय खातों में रुपए भेजे जा रहे हैं. काफी लंबा समय बीतने के बाद कई उपभोक्ताओं के खाते नंबर बदल बदले हो सकते हैं, ऐसी भी संभावना है. इसीलिए इन खातों के मिलान के लिए वेरिफिकेशन करवाई जा रही है. उन्होंने बताया कि उन्हें 2 दिन पहले ही बैंक खातों की वेरिफिकेशन संबंधित जानकारी मिली है.

Yamunanagar : A plan was made by the government to send money instead of mustard oil to the ration card holders of the state. This was done for 27,04,855 BPL families of the state. But now they may have to wait longer for the money they get in exchange for the mustard oil they get every month, because the ₹ 250 that these families get gets entangled in the verification process.

 

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