हरियाणा में फिर से सक्रिय होगा मॉनसून, बदलेगा मौसम का मिजाज, जानिए कब होगी बारिश ?

हिसार : हरियाणा में मौसम एक बार फिर से करवट लेने वाला है। मॉनसून का असर फिर से हरियाणा में दिखेगा, जिसके चलते गर्मी से परेशान प्रदेशवासियों को कुछ राहत मिल सकती है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, मॉनसून की वापसी के चलते देश के पूर्व, मध्य और कुछ उत्तरी भागों में लगभग एक सप्ताह तक सक्रिय मानसून की स्थिति बनी रहेगी। अगस्त की बरसात के आंकड़ों की कमी में सुधार के साथ-साथ मौसम भी कुछ हद तक ठीक हो जाएगा।
मौसम के जानकारों के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम भागों के ऊपर शीघ्र ही बहुप्रतीक्षित निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है, जो क्षोभमंडल की मध्य परतों तक फैला हुआ है।

कृषि मौसम विज्ञान विभाग, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार
@17.08.2021

मॉनसून की टर्फ रेखा का पाश्चिमी छोर 10 अगस्त से हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने के कारण राज्य में मॉनसूनी हवाएँ कमजोर हो जाने से मानसून ब्रेक की सिथति बनी हुई है जिससे हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर परिवर्तनशील व खुश्क बना हुआ है।

परन्तु बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से अगले दो दिनों में मॉनसून टर्फ दक्षिण की और नीचे की तरफ आने की संभावना से हरियाणा राज्य में 19 अगस्त देर रात्रि से मौसम में बदलाव व 20 अगस्त से 23 अगस्त के दौरान बीच-बीच में राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में हवायों व गरज चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।

जिससे दिन के तापमान में गिरावट होने की संभावना है। इस दौरान उत्तरी व दक्षिण पूर्व हरियाणा के कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की भी संभावना है।

कृषि मौसम विज्ञान विभाग, चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार

दक्षिण ओडिशा और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश से दूर, इसी क्षेत्र में 24 घंटे के भीतर अगस्त का पहला निम्न दबाव क्षेत्र बनने की उम्मीद है। निम्न दबाव का क्षेत्र, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में पहुंच जाएगा। सिक्किम और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल सहित पूर्वोत्तर भारत में भी अगले 3 दिनों तक तेज बरसात और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती है।

मानसूनी टर्फ रेखा का पूर्वी छोर पहले ही दक्षिण की ओर अपनी सामान्य स्थिति में आ गया है। हालांकि, पश्चिमी छोर तलहटी के करीब बना रह सकता है और 48 घंटे के बाद दक्षिण की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जब 18 अगस्त को मध्य प्रदेश में निम्न दबाव बढ़ जाएगा।

निम्न दबाव वाले क्षेत्र के स्थान के आधार पर मानसून टर्फ रेखा अपनी स्थिति बदलती रहेगी। इसके अनुसार 16 से 20 अगस्त के बीच पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र समेत देश के पूर्वी और मध्य भागों में पूर्व से पश्चिम की ओर मौसम की स्थितयां भी बदल जाएगी।

समानांतर रूप से, उत्तर प्रदेश राज्य, पूर्वी राजस्थान, उत्तरी गुजरात, दिल्ली और उत्तराखंड में 18 और 22 अगस्त के दौरान सक्रिय मानसून की गतिविधयां देखी जाएगी। इस मौसम सिस्टम का असर पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।

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