हरियाणा: सरकार ने शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों से पीछे खींचे हाथ ; इस साल नहीं होंगे तबादले

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने शिक्षकों के ऑनलाइन तबादलों से हाथ पीछे खींच लिए हैं। पचास हजार से अधिक शिक्षकों के अब इस साल तबादले नहीं होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग ने जेबीटी के अंतर जिला, टीजीटी-पीजीटी के सामान्य ऑनलाइन तबादले अगले वर्ष मार्च-अप्रैल में करने का निर्णय लिया है।

तबादला प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने में कानूनी अड़चनें बाधा बनी हैं। शैक्षणिक सत्र आधे से अधिक बीतने के कारण सरकार अब तबादलों के चक्कर में नहीं फंसना चाहती। स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. महावीर सिंह ने कहा कि अब शिक्षकों के तबादले नहीं किए जाएंगे।

जेबीटी, पीआरटी शिक्षकों के जिलों के भीतर ऑनलाइन तबादला प्रक्रिया को सिरे चढ़ाने में विभाग प्रयासरत है। नवंबर माह आधे से अधिक बीत चुका है। पहली दिसंबर से स्कूलों में पहली से 12वीं तक के सभी बच्चे आएंगे। अब विभाग का मुख्य जोर बच्चों की पढ़ाई पर रहेगा। कोविड के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई है। इसलिए स्कूल पूरी तरह खुलने पर सिलेबस सही तरीके से पूरा कराएंगे। विभाग की योजना अगले वर्ष शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ऑनलाइन तबादलों को सिरे चढ़ाने की है। तबादलों को लेकर कुछ शिक्षक हाईकोर्ट भी गए हैं। उनके मामलों में निर्णय आना बाकी है, इसलिए जेबीटी की अंतरजिला तबादला प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती।

हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान सतपाल सिंधू और पूर्व प्रधान दयानंद दलाल, शिक्षक नेता दीपक गोस्वामी ने कहा कि सरकार को इसी सत्र में तबादले करने चाहिए थे। 6 हजार जेबीटी, लगभग 50 हजार टीजीटी-पीजीटी तबादलों के इंतजार में थे। जेबीटी के तो 5 साल से तबादले हुए ही नहीं। एक हजार प्रिंसिपल अस्थायी स्टेशन पर कार्यरत हैं, उन्हें स्थायी स्टेशन के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। डीम्ड यूनिवर्सिटी की डिग्री वाले पीजीटी को भी स्थायी स्कूल आवंटित नहीं हुए हैं।

दीपक ने कहा कि जिलों के भीतर जेबीटी के तबादलों में पेंच फंसा हुआ है। 2500 जेबीटी स्थायी स्टेशन आवंटित करने की मांग कर रहे हैं। कुछ जेबीटी हाईकोर्ट गए हैं, जिनके केस की सुनवाई 23 नवंबर को है। विकल्प भरने के लिए विभाग का पोर्टल भी नहीं चल रहा। जब तक तबादले नहीं होते, तब तक बिना शिक्षकों वाले प्राथमिक स्कूलों में अस्थायी नियुक्तियों की शक्तियां डीईईओ, बीईईओ को दे देनी चाहिए।

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