हरियाणा: 31 हजार जेबीटी को झटका देने की तैयारी, एसीपी नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी

चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार 31 हजार से अधिक जेबीटी शिक्षकों को बड़ा झटका देने की तैयारी में है। इनके एसीपी नियमों में बड़े बदलाव का खाका खींच लिया गया है। भविष्य में जेबीटी को बीएड होने पर ही एसीपी यानी एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेसन का लाभ मिलेगा। नियमों में संशोधन को लेकर स्कूल शिक्षा व वित्त विभाग के उच्च अधिकारियों की संयुक्त बैठक हो चुकी है। सरकार ने नए नियम के तहत एसीपी देने के मद्देनजर एक साल से 4700 जेबीटी शिक्षकों के एसीपी के मामले रोक रखे हैं।

जेबीटी के लिए सेवा नियमों में शैक्षणिक योग्यता 12वीं हैं। पदोन्नति के बाद इन्हें मुख्य शिक्षक बनना होता है, उसके लिए भी शैक्षणिक योग्यता अभी 12वीं ही है। लेकिन, सरकार नियमों में संशोधन कर इसे बीएड करने जा रही है। एसीपी का लाभ उन्हीं जेबीटी को मिलेगा जो पदोन्नति के लिए बीएड शैक्षणिक योग्यता रखते होंगे। सरकार की इस तैयारी से जेबीटी शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। चूंकि, 2004 या इससे पहले जेबीटी लगे सभी शिक्षक 8-16-24 साल की नौकरी पूरी होने पर मिलने वाली एसीपी से वंचित हो जाएंगे।

2004 में लगे शिक्षकों ने दूसरी एसीपी के लिए 2020 में पात्र होने पर ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 4700 को अभी तक एसीपी नहीं दी गई, जबकि इतने ही शिक्षकों को लाभ दे दिया गया। अब सरकार ने जेबीटी की अगली पदोन्नति के लिए शैक्षणिक योग्यता बीएड मानने का सैद्घांतिक निर्णय लिया है, इससे इनको इंक्रीमेंट व पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पाएगा।

इससे पहले हुड्डा सरकार ने भी 2004 में जेबीटी के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं की जगह बीए कर दी थी। जिसका काफी विरोध हुआ, हुड्डा सरकार ने अपने फैसले को 2007 में वापस लेते हुए दोबारा 12वीं ही शैक्षणिक योग्यता कर दी। वित्त विभाग के उच्च अधिकारी ने बताया कि कुछ दिन पहले हुई बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई है। जल्द ही स्कूल शिक्षा विभाग सेवा नियमों में संशोधन कर इसकी अधिसूचना जारी करेगा।

नियम बदलते ही जाएंगे हाईकोर्ट : दीपक गोस्वामी

हरियाणा प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व महासचिव व शिक्षक नेता दीपक गोस्वामी ने कहा कि सरकार के सेवा नियमों में बदलाव करते ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। सरकार पदोन्नति की शैक्षणिक योग्यता बीएड कर जेबीटी पर कुठाराघात करने जा रही है। प्रदेश में बीएड योग्यता वाले कुछ जेबीटी हाईकोर्ट में केस जीतकर मुख्य शिक्षक बने हैं। सरकार सब पर बीएड की योग्यता नहीं थोप सकती। बीएड डिग्री धारक मास्टर पद के लिए पात्र माने जाते हैं। जेबीटी के लिए इसका कोई औचित्य नहीं है।
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