रोहतक में ड्यूटी से लौट रहे बस कंडक्टर की कनपटी पर लगाई बंदूक, लूटी बाइक नकदी और सामान

रोहतक : हरियाणा के रोहतक (Rohtak) जिले में एक निजी बस के कंडक्टर (Private Bus Conductor) से तीन बदमाशों ने गन प्वाइंट (Gun Point) पर लूटपाट कर ली। बदमाशों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया, जब कंडक्टर (Conductor) ड्यूटी खत्म करके अपनी बाइक (Bike) पर सवार होकर घर की ओर जा रहा था।

रात को सुनसान जगह पर तीन बदमाशों ने उसकी कनपटी पर पिस्तौल तान दी और उससे बाइक, नकदी से भरा बैग आदि लूटकर फरार हो गए। कंडक्टर (Conductor) ने मामले की शिकायत पुलिस (Police) को दी है। पुलिस ने शिकायत (Complaint) के आधार पर तीनों अज्ञात बदमाशों के खिलाफ आईपीसी (IPC) की धारा 392, 394, 379B स‌हित 25.54.59 आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई (Further Investigation) में जुट गई है।

रोजाना इसी रास्ते से गांव जाता है कंडक्टर

कलानौर (Kalanour) थाना पुलिस को दी शिकायत में बिजेंद्र (Bijendra) ने बताया कि वह गांव मोखरा (Mokhra) का रहने वाला है। वह करीब 21 साल से रोहतक भिवानी (Rohtak-Bhiwani) चलने वाली निजी बस में बतौर परिचालक (Conductor) नौकरी करता है। वह रोजाना शाम करीब साढ़े 8 बजे कॉलेज मोड (College Mod) पर बस से उतरकर, कलानौर से अपनी बाइक से गांव मोखरा जाता है।

गुरुवार रात को भी वह ड्यूटी (Duty) के बाद बस से उतरकर अपनी बाइक (Bike) पर सवार होकर गांव जा रहा था। रात करीब 9 बजे महम रोड (Maham Road) पर फाटक पार पहुंचा तो एक युवक ने उसे पकड़कर रोकना चाहा। जब वह नहीं रुका तो तुरंत दो और युवक वहां आ धमके। उनमें से एक युवक ने उस पर पिस्तौल तान दी।

उसने अपने साथियों से कहा कि इससे बाइक सहित सारा सामान छीन लो। जिसके बाद तीनों ने मिलकर उसकी बाइक और बैग लूट लिया। बैग में 20 हजार की नकदी, बाइक के दस्तावेज, घर की चाबियां और टिकट आदि थी। तीनों बदमाश लूटपाट करने के बाद मौके से फरार हो गए।

पुलिस की कार्रवाई में कुछ झोल

पीड़ित बिजेंद्र ने बताया कि बदमाश सामान के साथ-साथ मोबाइल फोन भी लूट ले गए थे। कुछ देर बाद वहां से उसका एक परिचित बोलेरो गाड़ी चालक आया, जिसकी गाड़ी में सवार होकर उसने कुछ दूर तक बदमाशों का पीछा भी किया। इसके बाद वह गांव पहुंचा और परिजनों के मोबाइल फोन से पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पुलिस की डायल 112 की गाड़ी मौके पर पहुंची। पूरी वारदात की कहानी सुनकर वहां से मामले को ट्रेस करने के लिए वहां से चली गई। कुछ देर बाद पुलिस लौट आई और उसका मोबाइल फोन दे दिया। पुलिस से जब पूछा कि आखिर मोबाइल फोन मिला कहां से है तो पुलिस ने उसे रास्ते में पड़ा होने के बारे में बता दिया। पुलिस ने इस मोबाइल लूट को न ही कागजों में लिखा और न ही बरामदगी में चढ़ाया।

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