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बिजली चोरी के लिए ‘कुण्डी’ लगाने वाली की मदद करने वालों की सरकार ने की ‘कुण्डली’ तैयार, आदेश जारी

चंडीगढ़ : हरियाणा में बिजली चोरों पर शिकंजा कसना शुरु हो गया है। बिजली निगम ने खुद के ही विभाग के 100 से ज्यादा अधिकारियों को रडार पर ले लिया है। इन अधिकारियों की अब कुंडली तैयार हो रही है और कभी भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। जानकारी के मुताबिक बिजली चोरी में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से शामिल कंप्यूटर ऑपरेटर, शिफ्ट अटेंडेंट, सहायक लाइनमैन, लाइनमैन, जेई, एसडीओ और एक्सईएऩ व एससी समेत कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।

बिजली निगम की तरफ से इन कर्मचारियों और अधिकारियों को नोटिस दिये जाने की कार्रवाई शुरु हो चुकी है। इसमें कईयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत है जबकि कई को चार्जशीट किया जा सकता है।

प्रदेश में बिजली चोरों के खिलाफ दो बार बड़े स्तर पर मुहिम चलाई जा चुकी है। पहले फरवरी में और इसके बाद जुलाई में राज्य में एक साथ बड़ी संख्या में निगमों के अधिकारियों-कर्मचारियों व पुलिस विभाग को साथ मिलाकर टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने राज्यभर के सभी जिलों में एक ही साथ रेड की।

जुलाई के पहले सप्ताह में हुई दूसरी बड़ी रेड लगातार दो दिन चली। इस दौरान कुल 29948 प्रतिष्ठानों पर छापे मारे गए। 500 से अधिक टीमों का गठन किया गया था। पूरी तरह से गोपनीय रखी गई इस मुहिम के दौरान 6015 जगहों पर बिजली चोरी के मामले पकड़े गए।

बिजली चोरी से सरकार को लग रहा करोड़ों का चूना

कई ऐसे मामले सामने आए, जिनमें करोड़ों रुपये बकाया होने के चलते बिजली कनेक्शन कटे हुए थे। मिलीभगत के चलते इन प्रतिष्ठानों पर अवैध तरीके से कनेक्शन किए हुए थे और करोड़ों का चूना सरकार को लग रहा था।

जिला स्तर पर अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आने के बाद विभाग के मंत्री रणजीत सिंह ने बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास दोनों निगमों के प्रबंध निदेशकों (एमडी) को विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

सूत्रों का कहना है कि 100 से अधिक अधिकरियों व कर्मचारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है। इन सभी को चार्जशीट किया जा सकता है। ऐसी कोई भी कार्रवाई करने से पहले नियमों के तहत सभी को नोटिस दिए जा रहे हैं।

ये इलाकें हैं हाईलाइट में

औद्योगिक कलस्टर के रूप में उभर कर सामने आए गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, धारूहेड़ा व रेवाड़ी एरिया में चोरी के अधिक मामले सामने आए हैं। इन क्षेत्रों में बिजली की खपत भी सबसे अधिक है। नामचीन आईटी कंपनियों, कॉल सेंटर के अलावा मारुति, होंडा, एस्कार्ट की बड़ी यूनिट इन्हीं एरिया में है। बड़ी क्रेन और जेसीबी की कंपनियां भी इसी कलस्टर में हैं।

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