रोडवेज की बसों में चार रिश्तेदारों ने मचाया लूट का खेल, लूट का तरीका जान कर रह जाएंगे हैरान

करनाल : चार रिश्तेदार मिलकर रोडवेज बसों में सवार यात्रियों की जेब तराश कर फरार हो जाते थे। ये बस स्टाप (Bus Stop) पर ही यात्रियों की जेब में नकदी होने का अंदाजा लगा लेते थे और फिर भीड़ का फायदा उठा वारदात को अंजाम दे देते थे। भीड़वाली (Crowded Places) अन्य जगहों पर भी वारदात करते थे।

आरोपितों में दो सगे भाई शामली, उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के रहने वाले हैं जबकि दो आरोपित ताऊ-भतीजा है। पुलिस ने आरोपित मामा-भांजा को गिरफ्तार किया तो यह राज खुला। रवि व सुशील (Ravi & Sunil) आरोपित सागर (Sagar) के मामा हैं। दो आरोपित अभी फरार है। चारों मिलकर करनाल (Karnal) में 13 वारदातें कर चुके थे.

उन्हें चार दिन के रिमांड (Remand) पर लिया गया तो पूछताछ में माना कि उनके साथ सुंदर वासी गांव नौरता, जो सागर (Sagar) का ताऊ है व सुशील वासी श्यामगढी उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) , जो रवि का सगा भाई है, के साथ मिलकर 13 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। अभी तक फरार सुंदर व सुशील (Sunder & Sushil) को काबू करने के लिए टीम छापेमारी कर रही है। पुलिस के अनुसार रवि व सुशील आरोपित सागर के मामा लगते हैं। जांच में पता चला है कि आरोपितों के खिलाफ पहले भी करनाल व कुरूक्षेत्र (Karnal & Kurukshetra) में जेब काटने के करीब सात मामले दर्ज हैं। इन मामलों में गिरफ्तार (Arrest) हो चुके थे और अभी जमानत पर थे।

डिटेक्टिव स्टाफ इंचार्ज हरजिद्र (Harjindra) ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि पूछताछ में आरोपितों ने माना कि वे सभी किसी एक बस स्टाप पर मौजूद रहते थे और वंहा रहकर जिस व्यक्ति की जेब भारी होती थी उसको देखकर नगदी होने का अंदाजा लगा लिया करते थे। फिर वह सवारी बस में चढ़ती तो वे भीड़ होने के कारण उसे चारों तरफ से घेरकर खडे हो जाते थे और मौका लगते ही ब्लेड से उसकी जेब काटकर उतरकर मौका से फरार हो जाते थे।

यकीन दिलाने को लेते थे टिकट
जब आरोपितों को बस में चढ़ने के दौरान जेब तराश करने का मौका नही लगता था तो आरेापी सवारी के साथ बस में चढ़ जाते थे और परिचालक से आगे की टिकट भी ले लेते थे, ताकि उन पर कोई आशंका न कर सके। जैसे ही बस में उन्हें मौका लगता तो जेब से नकदी निकाल फरार हो जाते थे।

Exit mobile version