कोरोना की तीसरी लहर होगी चुनौतीपूर्ण, जिले में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के आधे पद पड़े खाली

भिवानी : कोरोना की तीसरी संभावित लहर यदि आती है तो यह जिला वासियों के लिए परेशानी पैदा कर सकती है. जिले में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के आधे पद खाली पड़े हैं  ऐसे में कोरोना से लड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. जिले में डिप्टी सीएमओ सहित लगभग 50% स्वास्थ्य कर्मियों के पद खाली पड़े हैं. इन परिस्थितियों में कोरोना एक भयंकर चुनौती साबित हो सकता है. हाल ही में देश, प्रदेश और विदेशों तक कोरोना ने जो आतंक मचाया है सब उस से भली भांति वाकिफ ही हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के खाली पड़े ये पद सरकार के दावों की पोल खोलते नजर आते हैं. जिले में चिकित्सक और बाकी स्वास्थ्य कर्मियों के 1281 पद स्वीकृत हैं जिनमें से लगभग आधे 662 पद खाली पड़े हैं.

ये पद हैं खाली

जिले में डिप्टी सीएमओ के कुल 8 पद स्वीकृत हैं इन पदों मे फिलहाल 2 पद भरे गए हैं 6 पद खाली पड़े हैं. ऐसे में किसे नोडल अधिकारी बनाया जाए ? यह भी स्वास्थ्य विभाग के सामने एक समस्या ही है. मजबूरी वश स्वास्थ्य विभाग को फील्ड में तैनात चिकित्सकों को नोडल अधिकारी बनाना पड़ रहा है. फील्ड में तैनात चिकित्सकों की ड्यूटी बदलने से शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकीय व्यवस्था कमजोर पड़ती है. इन सबके अलावा जिले में सीएस में 4 मेडिकल ऑफिसर तथा भिवानी सीएच में 5 मेडिकल ऑफिसर गैरहाजिर चल रहे हैं. चार मेडिकल ऑफिसर रिजाइन दे चुके हैं. जिले में 292 स्टाफ नर्स, स्टाफ सिस्टर के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से अभी भी 138 पद खाली पड़े हैं.

जिले में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के खाली पदों के बारे में सीएमओ डॉक्टर सपना ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारियां कर रखी हैं. विभाग में जिन भी स्टाफ की कमी है उसके बारे में उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है.गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में किस प्रकार स्वास्थ्य सुविधाओं की लचर व्यवस्था ने आम जनमानस को वो खौफनाक मंज़र दिखा दिया जो शायद ही उन्होंने जीवन में कभी देखा होगा. आए दिन होने वाली मरीजों की मौतों ने सालों तक ना भूलने वाले घाव दिए हैं. कई मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ दिया, तो किसी को समय पर बैड नहीं मिल पाया.

Exit mobile version