अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में होगी नई भर्ती; हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में दी जानकारी

चंडीगढ़ : हरियाणा के अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों (hospitals and health centers) में डाक्टरों व स्टाफ की कमी बताते हुए प्रदेश में राईट टू हेल्थ (right to health) को लागू करने की मांग वाली याचिका पर हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने बताया कि इन पदों को भरने पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। हरियाणा सरकार के इस बयान पर हाईकोर्ट (High Court) ने याचिका का निपटारा कर दिया।

 

याचिका दाखिल करते हुए मोनिका सांगवान (Monica Sangwan) ने एडवोकेट प्रदीप रापडिय़ा (pradeep rapadia) के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया था कि प्रदेश के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पड़े डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों (health workers) के पद बड़ी संख्या में रिक्त पड़े हुए हैं।

ची ने कहा कि कोरोना ने स्वास्थ्य प्रणाली (health system) की कमजोर कडिय़ों को उजागर किया है। याची ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं नागरिकों का अधिकार हैं और इससे उन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता। रिक्त पड़े पदों के कारण लोगों को सही प्रकार से सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अस्पतालों में अव्यवस्था का माहौल बनता है और इसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ता है।

सिंगल बेंच ने कहा था कि यह मुद्दा व्यापक जनहित से जुड़ा हुआ है और ऐसे में इस पर जनहित याचिका के तौर पर ही सुनवाई की जानी चाहिए। ऐसे में सिंगल बेंच ने इसे जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायधीश को रेफर कर दिया। अब मुख्य न्यायधीश ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि याची ने ऐसा कोई वाकया नहीं बताया है जब इन रिक्त पदों की वजह से कोई नुक्सान हुआ हो। इन पदों को भरना राज्य सरकार का काम है। इस दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि इन पदों को भरने की मांग वाले मांग पत्र पर जल्द ही कानून के अनुरूप निर्णय लिया जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।

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