एक फरवरी से खोलेंगे प्राइवेट स्कूलों को; प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन की चेतावनी

भिवानी : जल्द प्राइवेट स्कूल(Private School) खुलवाने की मांग को लेकर हरियाणा प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल संचालकों ने शहर में जुलूस निकाला। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उपायुक्त को ज्ञापन सौंप कर शीघ्र प्राइवेट स्कूल खोले जाने की मांग की। इस दौरान प्राइवेट स्कूल संचालकों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने शीघ्र स्कूल नहीं खोले तो वे एक फरवरी से एसोसिएशन के माध्यम से स्कूलों को खोलेंगे। साथ ही एसोसिएशन ने 25 जनवरी को पूरे प्रदेश के सभी विधायकों को ज्ञापन देने का फैसला लिया।

प्राइवेट स्कूल वैलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल संचालकोंं ने हुडा पार्क से जुलूस आरंभ किया। जुलूस सचिवालय पहुंचा और स्कूल संचालकों ने उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा इससे पूर्व हुडा पार्क के समक्ष एकत्रित प्राइवेट स्कूल संचालकों को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने कहा कि स्कूल खोले जाने को लेकर उन्होंने सरकार के नुमाइंदों से 15 दिन पहले भी आग्रह किया था। अधिकारियों के समक्ष भी बताया गया था कि बच्चे घर की बजाए स्कूलों में ज्यादा सुरक्षित है। चूंकि बच्चे स्कूल में अनुशासन में रह सकते है,घर पर नहीं। उन पर अभिभावक स्कूल खोलने को लेकर दबाव डाल रहे है। घरों में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से शीघ्र स्कूल खोले जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी अगर जल्द स्कूल नहीं खोले गए तो वे एक फरवरी से अपने आप स्कूलों को खोलेंगे।

आज पूरे प्रदेश में देंगे विधायकों को ज्ञापन

प्रदर्शन से पूर्व हुडा पार्क के समक्ष आयोजित बैठक में प्राइवेट स्कूल संचालकों ने स्कूल खोले जाने को लेकर पूरे प्रदेश में 25 जनवरी को सभी विधायकों को ज्ञापन देने का फैसला लिया। किसी भी हलके में किसी भी पार्टी का विधायक हो। सत्ता या विपक्ष का विधायक शामिल है। उनके माध्यम से सरकार से स्कूल खोले जाने की अनुमति मांगेंगे। इस बारे में पूरे प्रदेश की कार्यकारिणी को सूचित किया गया है।

आठवीं की परीक्षा का कोई औचित्य नहीं

हुडा पार्क के समक्ष एकत्रित प्राइवेट स्कूल संचालकों ने बताया कि इस वक्त आठवीं की बोर्ड की परीक्षा लेने का कोई औचित्य नहीं है। चूंकि पहले ही बच्चे कोरोना संक्रमण से प्रभावित है। घरों में रहने की वजह से उनकी पढाई पूरी तरह से प्रभावित हो रही है। ऐसे में बच्चे आठवीं की परीक्षा देने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं है। एसोसिएशन के प्रधान रामअवतार शर्मा ने सरकार से आठवीं की बोर्ड की परीक्षा इस साल टालने की गुजारिश की। ताकि उक्त क्लास के बच्चों की परीक्षा स्कूल स्तर पर ही ली जा सके।

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