हरियाणा में पंचायत चुनाव का इंतज़ार कर रहे लोगों को करना होगा अभी और सब्र, हाईकोर्ट में टली सुनवाई

चंडीगढ़ : हरियाणा में पंचायत चुनाव का इंतजार कर रहे लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। पंचायत चुनाव को लेकर 18 जनवरी को पंजाब एवं हरियाणा हाईकाेर्ट में सुनवाई होनी थी परंतु कोविड-19 के कारण अब यह सुनवाई 8 फरवरी को होगी।

आपको बता दें कि हरियाणा के पंचायत चुनाव ( Haryana Panchayat Election ) में आरक्षण के प्रविधान के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ( Punjab And Haryana High Court ) में याचिका दायर की हुई है। इस मामले में हरियाणा सरकार ने अर्जी दायर करके कह चुकी है कि वह चुनाव कराने को तैयार है, लिहाजा हाईकोर्ट इसके लिए इजाजत दे। हाईकोर्ट ने सरकार की इस अर्जी पर याचिकाकर्ताओं को अपना रखने का आदेश दिया था। 23 फरवरी 2021 को ही पंचायतों का कार्यकाल ख़त्म हो चूका है। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ प्रविधान को हाई कोर्ट में करीब 13 याचिकाएं दायर कर चुनौती दी हुई है। पहले कोरोना के कहर के चलते सरकार ने यह चुनाव नहीं करवाने का हाईकोर्ट को आश्वासन दिया था।

याचिकाकर्ता ने राज्य के पंचायत विभाग द्वारा 15 अप्रैल को अधिसूचित हरियाणा पंचायती राज (द्वितीय संशोधन) अधिनियम 2020 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए रद्द किए जाने की हाईकोर्ट से मांग की हुई है। हाईकोर्ट को बताया जा चुका है कि इस संशोधन के तहत की गई नोटिफिकेशन के तहत पंचायती राज में 8 प्रतिशत सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई है और यह तय किया गया है कि न्यूनतम सीटें 2 से कम नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ता के अनुसार यह दोनों ही एक दूसरे के विपरीत है क्योंकि हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार सिर्फ छह जिले हैं, जहां 2 सीटें आरक्षण के लिए निकलती हैं। अन्यथा 18 जिले में सिर्फ 1 सीट आरक्षित की जानी है। जबकि सरकार ने 15 अप्रैल की नोटिफिकेशन के जरिए सभी जिलों में बीसी-ए वर्ग के लिए 2 सीटें आरक्षित की हैं जो कानूनन गलत है।

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