Haryana Weather Updates: मौसम विभाग ने दी जानकारी, हरियाणा में आज बारिश का अनुमान

Haryana Weather Updates: दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) सोमवार को दक्षिण अंडमान सागर, खाड़ी द्वीप समूह और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंच चुका है। अमूमन मानसून की यह स्थिति 22 मई के आस-पास देखने को मिली है, लेकिन इस बार एक सप्ताह पहले ही यहां पर मानसून की एंट्री हो चुकी है। हाल के दिनों में इस क्षेत्र में मानसून की गतिविधियां जल्द दिखाई दी हैं। ऐसे में संभव है कि केरल तक मानसून के पहुंचने में अब ज्यादा देरी नहीं है।

उम्मीद के मुताबिक 26 मई के आसपास यहां पर मानसून की एंट्री हो सकती है। हालांकि मौसम वैज्ञानिक दो से तीन दिन पहले या बाद का मार्जिन लेकर जरूर चल रहे हैं। लेकिन अभी तक बनी परिस्थितियों के मुताबिक समय से पहले मानसून की एंट्री की उम्मीदों को प्रबल बना रही हैं।

केरल में मानसून की घोषणा से पहले देखे जाते हैं मानदंड, खाड़ी द्वीपों के लिए नहीं

मौसम विभाग के मुताबिक केरल में मानसून की घोषणा तब की जाती है जब निर्धारित मानदंड पूरे हों। इसमें बरसात, हवा का पैटर्न (दिशा, गति और गहराई) और आउटगोइंग लांग वेव रेडिएशन शामिल हैं। लेकिन भारतीय उपमहाद्वीप के लिए पहला प्रवेश बिंदु, खाड़ी द्वीपों पर आगमन की घोषणा करने के लिए ऐसा कोई मानदंड नहीं है। खाड़ी द्वीपों पर मानसून की शुरुआत विशुद्ध रूप से मौसम के पैटर्न, वास्तविक वर्षा और परिसंचरण पैटर्न में व्यापक बदलाव के आधार पर होती है।

जानिये मानसून आगमन के दौरान क्या बनती हैं मौसमी स्थितियां

जैसे-जैसे मानसून आता है, भूमध्यरेखीय भारतीय और प्रशांत महासागर के ऊपर पूर्वी हवाएं कमजोर होती हैं और पश्चिमी क्षेत्रीय हवाएं इस क्षेत्र में स्थापित हो जाती हैं। इसके अलावा, पश्चिमी क्षेत्रीय प्रवाह 12,000 फीट तक फैला हुआ होता है। मानसून की शुरुआत के दौरान, सोमाली तट से दक्षिण अंडमान सागर तक, बंगाल की दक्षिण खाड़ी में निम्न स्तरीय क्रास इक्वेटोरियल प्रवाह स्थापित होने के बाद बारिश द्वीपों के एक विस्तृत क्षेत्र को कवर करती हैं।

हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में आज धूलभरी आंधी व बाछौर गिरने की संभावना

मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तर हरियाणा के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में धूल भरी हवाएं, हल्की धूल भरी आंधी और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। वहीं दक्षिण हरियाणा, राजस्थान, विदर्भ और दक्षिण उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति संभव है।

देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

मौसम विभाग के मुताबिक इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण अंडमान सागर और उसके आसपास के क्षेत्रों में आगे बढ़ गया है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। यह समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। मध्य पाकिस्तान और इससे सटे पंजाब के कुछ हिस्सों में सर्कुलेशन बना हुआ है। इस चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से एक ट्रफ रेखा पूर्वी उत्तर प्रदेश की तलहटी तक फैली हुई है। एक अन्य उत्तर दक्षिण ट्रफ रेखा बिहार से दक्षिण तमिलनाडु तक उत्तरी छत्तीसगढ़, विदर्भ, तेलंगाना और आंतरिक कर्नाटक से होती हुई गुजर रही है।

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