सस्ते इंटरनेट कनेक्शन के लिए इन लोगों को मिल सकती है सब्सिडी, ट्राई ने की शिफारिश

नई दिल्ली : संभव है कि आने वाले समय में सरकार ग्रामीणों को इंटरनेट कनेक्शन (Internet Connection) के लिए सब्सिडी (Subsidy) दे सकती है. यह सब्सिडी ग्रामीण इलाकों के गरीब लोगों को मिल सकती है ताकि वें ब्रॉडबैंड (Broad Band) लगवा सके. आपको बता दें कि यह सुझाव भारतीय दूरसंचार निगम यानि की ट्राई ने दिया है. ट्राई ने कहा है कि कोरोना महामारी (Covid) के दौरान बच्चों की पढ़ाई से लेकर ऑफिस के काम तक ऑनलाइन (Online) हो रहे है. ऐसे में गरीब लोगों के लिए इंटरनेट (Internet) की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार को उन्हें सब्सिडी (Subsidy) देनी चाहिए.

200 रूपए प्रतिव्यक्ति सब्सिडी दी जानी चाहिए ट्राई ने कहा है कि यह सब्सिडी (Subsidy) कम से कम 200 रूपए प्रति व्यक्ति होनी चाहिए जोकि लोगों के खातों में डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer) के तहत जानी चाहिए.आपको बता दें कि 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narender Modi) ने अगले 1000 दिनों में सभी गांवो को ब्रॉडबैंड कनेक्शन (Broad Band Connection) से जोड़ने की बात कही थी.

ट्राई ने कहा बढ़नी चाहिए इंटरनेट की स्पीड ट्राई ने साथ ही ये भी बताया कि इससे ऑनलाइन दुनिया में हमें इंटरनेट (Internet) की स्पीड को भी बढ़ाना होगा.इंटरनेट की स्पीड जोकि पहले 512 केबीपीएस हुआ करती थी उसे कम से कम 2 एमबीपीएस तक करना होगा.स्पीड में बढ़ोतरी करने के लिए ब्रॉडबंद कंपनियों की लागत को कम करना होगा जिसके लिए लाइसेंस फीस को कम कर देना चाहिए.फिलहाल ब्रॉडबैंड कंपनियों से राजस्व का 8 फीसदी लाइसेंस फीस के रूप में वसूला जाता है.

बनायी जाएंगी ब्रॉडबैंड की तीन श्रेणिया ट्राई के अनुसार ब्रॉडबैंड की तीन श्रेणिया बनाई जाएगी पहली श्रेणी न्यूनतम 2 एमबीपीएस की डाउनलोड की सीमा देगी.दूसरी श्रेणी 50 से 300 एमबीपीएस की सेवा और तीसरी श्रेणी सुपरफास्ट सेवा यानि की 300 एमबीपीएस डाउनलोड की सीमा देगी.

इसके पहले भी 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डिजिटल भारत बनाने के लिए भारतनेट योजना शुरू की गई थी.इसके तहत देश के ढाई लाख पंचायतो के 6 लाख गांवो को 100 एमबीपीएस स्पीड के ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था जबकि अब तक केवल 1.56 लाख पंचायतो को ही इससे जोड़ा गया है.

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