हरियाणा में नौकरी में अटका मामला, High Court ने सरकार के आदेश पर लगाई अंतरिम रोक

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (punjab & haryana high court) ने हरियाणा सरकार (haryana government) के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआइएल) को उन किसानों के परिवारों को नौकरी (job) देने के लिए कहा गया था, जिसकी जमीन 2800 मेगावाट (megawatt) के परमाणु ऊर्जा संयंत्र फतेहाबाद (fatehabad) के गोरखपुर गांव (village gorakhpur) की स्थापना के लिए अधिग्रहित (acquired) की गई थी।

हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को 15 फरवरी के लिए नोटिस जारी कर जवाब भी तलब किया है। हाई कोर्ट ने यह आदेश एनपीसीआइएल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया। इस मामले में न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (nuclear power corporation of india limited) ने हरियाणा सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें सरकार ने उन किसानों के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने को कहा है जिनकी भूमि का अधिग्रहण परमाणु ऊर्जा संयंत्र (nuclear power plants) की स्थापना के लिए किया गया है.

हाई कोर्ट में दायर याचिका में एनपीसीआइएल (NPCIL) ने तर्क दिया है कि परियोजना के लिए भूमि नीति 2007 के तहत अधिग्रहित की गई थी। 2007 की नीति के तहत, भूमि विस्थापितों को नौकरी प्रदान करने का प्रावधान नहीं था। दलील दी गई कि भूमि अधिग्रहण योजना के तहत याचिकाकर्ता का दायित्व केवल वित्तीय मुआवजा और कुछ अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने तक ही सीमित है। किसी भी मामले में याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा भूमि विस्थापितों को नौकरी प्रदान करने की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है। 

हाई कोर्ट में दायर याचिका में एनपीसीआइएल ने तर्क दिया है कि परियोजना के लिए भूमि नीति 2007 के तहत अधिग्रहित की गई थी। 2007 की नीति के तहत, भूमि विस्थापितों को नौकरी प्रदान करने का प्रावधान नहीं था। दलील दी गई कि भूमि अधिग्रहण योजना के तहत याचिकाकर्ता का दायित्व केवल वित्तीय मुआवजा और कुछ अन्य प्रोत्साहन प्रदान करने तक ही सीमित है। किसी भी मामले में याचिकाकर्ता कंपनी द्वारा भूमि विस्थापितों को नौकरी प्रदान करने की जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकती है। 

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