सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम के लिए आवेदन शुरू,जानें कैसे होगा आवेदन

फतेहाबाद : अतिरिक्त उपायुक्त अजय चोपड़ा ने बताया कि हरियाणा में सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम ऑनलाइन आवेदन पोर्टल पर प्रारंभ हो चुके हैं। जिला के जो किसान इस सिस्टम को अपने खेतों में स्थापित करवाना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी सीएससी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

कोई भी लिखित आवेदन कार्यालय में स्वीकार नहीं किए जाएंगे। सिस्टम का वितरण पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। एडीसी ने बताया कि आवेदनकर्ता के पास अपने नाम से कृषि भूमि व परिवार पहचान पत्र होने चाहिए।

आवेदनकर्ता के पास सूक्ष्म सिचाई प्रणाली जैसे ड्रिप/फव्वारा या भूमिगत पाइप लाइन होना अनिवार्य है। इस समय 3, 5, 7.5 व 10 एचपी क्षमता के मोनो ब्लोक व सबमर्सीबल दोनों प्रकार के सिस्टम 75 प्रतिशत अनुदान दर पर दिलवाए जाएंगे।

शेष 25 प्रतिशत राशि का भुगतान आवेदक द्वारा आवेदन करते समय ही ऑनलाइन करना होगा। विभाग द्वारा आवश्यक साइज के अधूरे बोरवेल, छाया रहित स्थान, अपूर्ण दस्तावेज वाले तथा अधिक गहराई वाले बोरवेल व विवादित भूमि वाले आवेदन रद्द किए जा सकते हैं।

यदि सफल आवेदनकर्ता अपनी राशि वापिस लेना चाहता है तो उसकी 5 प्रतिशत राशि विभाग द्वारा जपत कर ली जाएगी। सर्वेक्षण के दौरान यदि आवेदनकर्ता का साइट उपयुक्त नहीं पाया जाता है तो उसका लाभार्थी अंश बिना ब्याज के वापिस कर दिया जाएगा।

आवेदनकर्ता अपना सोलर पंप किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं दे सकता। ऐसा पाए जाने पर लाभार्थी को सारी अनुदान राशि विभाग को वापस जमा करवानी होगी व दूसरी कानूनी कार्यवाही का सामना भी करना होगा। यदि लाभार्थी ने इससे पूर्व भी अनुदान दर पर सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम लगवाया है व पुन: यह सिस्टम लगवा लिया है तो सारी अनुदान की राशि कार्यालय में जमा करवानी होगी।

उन्होंने बताया कि नोटिफाइड क्षेत्र (खंड टोहाना) के तालाबों से सूक्ष्म सिंचाई तकनीक/भूमि गत पाइप लाइन स्थापित किए हुए किसान भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं तथा नोटिफाइड क्षेत्र (खंड टोहाना) का कोई भी किसान नया पंप लगवा कर यह सिस्टम प्राप्त नहीं कर सकता है। हालांकि डीजल से चल रहे पुराने पंप सेटों को सोलर वाटर पम्पिंग सिस्टम में बदला जा सकता है। बशर्ते की उन किसानों ने पानी का संरक्षण करने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली अपना ली हो।

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