सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा शनिवार, अधिकतम और न्यूनतम तापमान ने तोड़े रिकॉर्ड, आज कैसा रहेगा मौसम? देखें

चरखी दादरी/ करनाल : इस बार की सर्दी में शनिवार का दिन सबसे ठंडा रहा। सुबह से ही कड़ाके की ठंड पड़ने, शीतलहर चलने का सिलसिला जारी रहा। दिनभर सायं जैसा नजारा बना रहा तथा सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। मौसम का असर आम जन की दिनचर्या व यहां के सामान्य जनजीवन पर पड़ा है। पिछले 24 घंटों के दौरान दादरी जिले में अधिकतम तापमान 15 व न्यूनतम 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

रात की तरह दिन में भी बर्फीली हवा के चलते ठंड का प्रकोप पिछले एक सप्ताह की भांति बना रहा। अधिकतर दुकानें सुबह काफी देरी से खुलीं व सायं 5 बजे के बाद ही वहां वीरानी दिखाई देने लगी थी। नगर के वे बाजार जहां देर तक रौनक रहती थी वहां जरूरी सामान जैसे दूध, दवाइयों, खाने- पीने के सामान को छोड़कर शेष दुकानें बंद रही। जनवरी माह के पहले सप्ताह से ही ठंड अधिक असर दिखाई दे रहा है। मौसम के जानकारों का कहना है कि फरवरी के पहले सप्ताह तक तापमान में गिरावट आने, शीतलहर चलने, बीच-बीच में धुंध, कोहरा छाए रहने, हल्की वर्षा होने का दौर जारी रहा सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बर्फबारी मैदानी इलाकों को प्रभावित कर रही है।

ऐसे रहेगा आज मौसम

इस समय की मौसम परिस्थितियों पर गौर किया जाए तो हरियाणा, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में दिन के तापमान में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। करनाल में शनिवार दिन का तापमान गिरावट के साथ 11.2 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया है।

मौसम विभाग के मुताबिक एनसीआर क्षेत्र में दिसंबर के तीसरे सप्ताह के दौरान शीत लहर की स्थिति देखी गई है, वह भी तीन से चार दिन के लिए। इसके बाद से हरियाणा का तापमान सामान्य के करीब या सामान्य से थोड़ा नीचे मापा जा रहा है। उस अवधि के दौरान हरियाणा के अलग-अलग हिस्सों में ठंड देखी गई। इस शीत लहर की अवधि का कारण दिसंबर के अंतिम 10 दिनों में लगातार पश्चिमी विक्षोभ को माना जा सकता है।

पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी मैदानी इलाकों में बरसात की गतिविधियां नहीं दे पाए, लेकिन उन्होंने उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं को रोकने में मदद की। जनवरी की दूसरी छमाही और पहली छमाही के दौरान शीत लहर से भीषण शीत लहर एक सामान्य घटना है। पश्चिमी विक्षोभ की एक श्रृंखला एक से शुरू हुई और 10 जनवरी तक जारी रही। हवा की दिशा पूर्व की ओर दक्षिण की ओर रही और उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में पर्याप्त बादल छाए रहे।

इन मौसम मापदंडों ने उत्तर पश्चिमी भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर रखा। 10 से 15 जनवरी के बीच की अवधि उत्तरी मैदानों के न्यूनतम तापमान को कम करने के लिए पर्याप्त नहीं थी क्योंकि इस अवधि के दौरान घना कोहरा बना रहा। यह तापमान को महत्वपूर्ण रूप से गिरने से रोकने के लिए जिम्मेदार था। 16 से 21 जनवरी के बीच पश्चिमी हिमालय के पास लगातार तीन पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि जनवरी 2022 के दौरान देश के उत्तर पश्चिम और मध्य भाग में शीत लहर की स्थिति की संभावना बहुत कम है।

देशभर में यह बनी मौसम की स्थिति

मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के क्षेत्र पर पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। यह 16 जनवरी से पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करना शुरू कर देगा। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र हरियाणा और आसपास के क्षेत्र पर बना हुआ है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण कोंकण और उसके आसपास बना हुआ है। एक टर्फ रेखा उत्तर आंतरिक कर्नाटक से उत्तर आंतरिक ओडिशा तक फैली हुई है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है।

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