PM आवास योजना: मानदंडों में किया गया फेरबदल, पात्रों को अब किश्तों के लिए नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर
रोहतक : हरियाणा के कैथल स्थित कलायत के एक व्यक्ति की शिकायत पर प्रधानमंत्री आवास योजना के मानदंडों में काफी फेरबदल किया गया है। नए मानदंडों के हिसाब से अब गड़बड़झाला नहीं चलेगा। सरकार ने यह फेरबदल योजना का लाभ पात्र परिवारों तक योग्यता के आधार पर पहुंचाने के लिए किया है।
इसके तहत नगर पालिकाओं में लंबा-चौड़ा बजट नहीं भेजा जाएगा। एक लिमिट तय करते हुए जरूरत के अनुसार ही बजट जारी होगा। इसके चलते पात्रों को नगरपालिका प्रतिनिधियां के यहां योजना किश्त के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। जमीनी स्तर पर योजना से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए गरीबों को क्रमवार किश्तों का लाभ मिलेगा।
दिल्ली और चंडीगढ़ की विशेष निगरानी एजेंसी रखेगी नजर
देश की राजधानी दिल्ली और प्रदेश की राजधानी चंडीगढ़ से सरकार की विशेष निगरानी एजेंसी योजना प्रगति कार्य पर नजर रखेगी। यदि नगरपालिका द्वारा पात्र की अनदेखी की जाती है तो वे प्रदेश और देश की राजधानी में स्थित कार्यालयों में ऑनलाइन शिकायत करते हुए अपने हक ले सकते हैं।
समाज सेवी संगठनों का कहना है कि इस नीति से प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ी रफ्तार आना तय है। क्योंकि अकसर स्थानीय राजनीति से जुड़े लोग निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए योजना को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास करते हैं। इन परिस्थितियों में सरकार की योजना का लाभ जमीनी स्तर पर सुनिश्चित नहीं हो पाता।
इस शिकायत के बाद हुआ बड़ा फेरबदल
कलायत में प्रधानमंत्री आवास योजना की किश्तों और आवास नेम प्लेट के नाम पर गरीब परिवारों के साथ खिलवाड़ करने की शिकायत प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंची थी। इसमें एक महिला प्रतिनिधि के पति पर मुख्य रूप से आरोप लगे।
चर्चित मामले को सरकार और प्रशासन ने संजीदगी से लेते हुए ऐसी योजना तैयार करने का निर्णय लिया, जिससे सरकार की योजना का लाभ सीधे पात्रों को मिले। इसके साथ ही शीर्ष स्तर पर आवास नेम प्लेट के नाम पर गरीब परिवारों से हुई ठगी और बड़ी संख्या में पात्रों को योजना किस्त सूची से दूर करने मामला भी अधिकारियों के संज्ञान में है।