जज्बे को सलाम: मरते-मरते तीन लोगों को जिदंगी देकर मानवता की मिसाल पेश कर गया 52 वर्षीय ब्रेन डेड

गुरुग्राम : 52 वर्षीय शख्स मरते-मरते तीन लोगों को जिदंगी देकर मानवता (Humanity) की अनोखी मिसाल पेश कर गया। जी हां, एक ब्रेन डेड 52 वर्षीय शख्स ने अपना अंग दान (organ Donation) कर मिसाल पेश की है। उसकी वजह से तीन लोगों को नया जीवन (New Life) मिला है। 

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रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल 5 लाख भारतीय मुनासिब डोनर (Required Donar) नहीं मिलने से अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) के इंतजार में दम तोड़ देते हैं। लेकिन गुरुग्राम (Gurugram) में बुधवार को दिमागी रूप से मृत (Brain Dead) 52 वर्षीय शख्स की किडनी और लिवर (Kidney & Lever) तीन लोगों के शरीर का हिस्सा बनी। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Fortis Memorial Research Institute) के डॉक्टरों ने इसमे सहयोग किया।


दरअसल, परिजन ब्रेन डेड शख्स का लिवर और अंग डोनेट करने को तैयार हो गए। परिवार की इजाजत मिलने पर दोनों किडनी और लिवर को तीन लोगों में प्रत्यारोपित (Transplant) कर दिया गया। एक किडनी का प्रत्यारोपण फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Fortis Memorial Research Institute) की 60 वर्षीय महिला मरीज में किया गया, जबकि दूसरी किडनी और लिवर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती 51 वर्षीय महिला और 54 वर्षीय पुरुष के शरीर में लगाया गया। 

डोनर और उसके परिवार के जज्बे को सलाम

यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर अनिल मंधानी ने बयान में कहा कि मैं डोनर और उसके परिवार के जज्बे को सलाम करता हूं कि कम से कम उन्होंने अंग दान और कई बीमार मरीजों को जिंदगी देने के महत्व को समझा.
 

हम सभी को अंग दान के लिए खुद का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए
उन्होंने बताया कि दोनों किडनी प्राप्त करनेवाले मरीजों को उपयुक्त जीवित डोनर नहीं मिल रहे थे और लंबे समय से डायलिसिस पर जिंदगी की जंग लड़ रहे थे, लेकिन अंग के मिल जाने से उनको जिंदगी जीने की नई उम्मीद जगी। इससे सभी को आगे आने के लिए प्रेरणा मिलनी चाहिए और अंग दान के लिए खुद का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहिए।

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