हरियाणा में 12 दिसंबर को होगा रोडवेज बसों का पहिया जाम, बड़े स्तर पर हड़ताल की तैयारी

चंडीगढ़ : हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी (Haryana Roadways employees) अपनी मांगों को लेकर 12 दिसंबर को हल्ला बोल प्रदर्शन करेंगे। सर्व कर्मचारी संघ (all employees union) के बैनर तले पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किए जाएंगे। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन (Haryana Roadways Workers Union) ने पनबस कर्मचारियों की हड़ताल का भी समर्थन किया है। यूनियन व हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ (Union and Haryana Roadways Joint Employees Union) ने विधानसभा, पंचायती राज चुनावों की तर्ज पर रोडवेज यूनियनों का चुनाव करवाने की मांग की है।

यूनियन के राज्य प्रधान इंद्र सिंह बधाना, महासचिव सरबत सिंह पूनिया, वरिष्ठ उप प्रधान नरेंद्र दिनोद, कोषाध्यक्ष राजपाल, मुख्य संगठन सचिव बिजेंद्र अहलावत, मुख्य सलाहकार राम आसरे यादव व प्रेस प्रवक्ता श्रवण कुमार जांगड़ा ने बताया कि रोडवेज का निजीकरण किया जा रहा है।

कच्चे कर्मचारी पक्के नहीं किए जा रहे, पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने को सरकार तैयार नहीं है। नई बसों की खरीद तेजी से नहीं हो रही। इसके अलावा कर्मचारियों की अन्य मांगों पर सरकार का रुख सकारात्मक नहीं है। पूर्व की समझौता वार्ताओं में मानी गई मांगों को अभी तक लागू नहीं किया गया। इसलिए कर्मचारियों के पास आंदोलन के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।

सरकार यूनियनों के चुनाव जल्दी कराकर जीतने वाली यूनियन को मान्यता प्रदान करे। उन्होंने अन्य यूनियनों से इसके लिए साझा आंदोलन छेड़ने की मांग की है। रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के वरिष्ठ राज्य उप-प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि सरकार चुनाव प्रक्रिया जल्दी शुरू कराए। इससे एक यूनियन कर्मचारियों की मांगों को सरकार के समक्ष उठाएगी व अन्य समर्थन करेंगी।

इससे कर्मचारियों की सालों से लंबित मांगों का समाधान हो सकेगा। परिवहन विभाग में जातीय व श्रेणी आधार पर यूनियनों की बाढ़ सी आ गई है। विभाग में कर्मचारी, बसें लगातार कम होते जा रहे हैं, जबकि यूनियनें बढ़ती जा रही हैं। ज्यादा यूनियनों का होना विभाग व कर्मचारियों के लिए अभिशाप से कम नहीं है। यूनियनों के आपसी टकराव के कारण कर्मचारियों का जबरदस्त नुकसान हो रहा है। इसलिए सरकार चुनाव कराकर कर्मचारियों के भविष्य को बचाने का काम करे।

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