मुख्यमंत्री खट्टर की कुल 8315 घोषणाओं में से 360 संभव नहीं, 687 लंबित, 73 फीसदी पूरी, CM को बैठक में दी गई जानकारी

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की 360 घोषणाएं संभव नहीं हैं। 687 अभी लंबित हैं, जबकि 73 फीसदी पूरी हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2014-2021 के बीच कुल 8315 घोषणाएं की, जिनमें से 5744 पर काम पूरा हो चुका है। 1527 अभी प्रगति पर हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को यह जानकारी गुरुवार को घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक में दी गई। प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक में उन्होंने वर्तमान में संभव नहीं घोषणाओं की सूची बनाने को कहा। मनोहर लाल ने अधिकारियों को प्रत्येक परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के साथ-साथ उनकी व्यवहारिकता का तुरंत अध्ययन करने के निर्देश दिए।

उन्होंने लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), विकास एवं पंचायत, कृषि एवं किसान कल्याण, सिंचाई और खेल विभागों की घोषणाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं के लिए रेलवे से अनुमोदन की आवश्यकता है, उनके लिए हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (एचआरआईडीसी) से समन्वय स्थापित करें।

जरूरी होने पर परियोजनाओं को एचआरआईडीसी को भेजें। परियोजना का कार्य पूर्ण होते ही संबंधित अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी सूचित करें। जिन परियोजनाओं में भूमि खरीद करने की आवश्यकता है, उसके लिए दरों के बारे में गहन अध्ययन कर ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से ही खरीद की जाए। इसके लिए जनप्रतिनिधियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाना चाहिए।

लोक निर्माण विभाग की लगभग 76 प्रतिशत परियोजनाएं पूरीं

लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि कुल 1120 घोषणाओं में से केवल 114 ही लंबित हैं। लगभग 76.23 प्रतिशत यानी 840 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 148 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने बताया कि कुल 1623 घोषणाओं में से केवल 128 लंबित हैं। इन पर काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। लगभग 60 प्रतिशत यानी 922 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 485 परियोजनाएं प्रगति पर हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की लगभग 86 प्रतिशत घोषणाओं का कार्य पूर्ण हो चुका है। कुल 1408 घोषणाओं में से 1179 को पूरा कर लिया गया है और बाकी पर काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। 133 परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

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