सिंघु बॉर्डर पर निहंग की मौत ;गुरदासपुर से 8 महीने पहले आए आंदोलन में

हरियाणा के सोनीपत जिले में सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान बैठी निहंग जत्थेबंदियों के एक सदस्य की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। दम तोड़ने वाले निहंग की पहचान सोहन सिंह के रूप में हुई और वह 95 साल के थे। कई दिनों से बीमार चल रहे सोहन सिंह पंजाब में गुरदासपुर जिले के गांव मुरीदके के रहने वाले थे।

95 वर्षीय निहंग सोहन सिंह की पार्थिव देह। - Dainik Bhaskar

निहंग जत्थेबंदियों के सदस्यों ने बताया कि सोहन सिंह सिंघु बॉर्डर पर निहंग बाबा बलविंदर सिंह के कैंप में रह रहे थे। वह फरवरी 2021 में सिंघु बॉर्डर आए थे और पिछले 8 महीने से यहीं रह रहे थे। उम्र ज्यादा होने और सर्दी शुरू हो जाने की वजह से पिछले कुछ दिनों से सोहन सिंह बीमार चल रहे थे। 3-4 दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। गुरुवार रात को वह खाना खाकर सोये थे। शुक्रवार सुबह जब साथी निहंगों ने सोहन सिंह को उठाना चाहा तो पता चला कि उनकी सांसें बंद हो चुकी हैं।

गांव मुरीदके में ही होगा संस्कार
निहंग के निधन की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सोहन सिंह की बॉडी सोनीपत सिविल अस्पताल पहुंचा दी। वहां पोस्टमार्टम के बाद सोहन सिंह की बॉडी उनके परिवार को सौंप दी गई। जिला प्रशासन ने सरकारी एंबुलेंस के जरिये उनकी बॉडी को गुरदासपुर में उनके गांव के लिए रवाना कर दिया। सोहन सिंह का संस्कार उनके पैतृक गांव में ही किया जाएगा।

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