पेंट की जेब में एक हाथ तो आंसर A, दोनों हाथों तो उत्तर B, हरियाणा में पेपर सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश

पानीपत : हरियाणा के पानीपत में एक पेपर सॉल्वर गैंग का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें एक गैंग के सरगना समेत चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए हैं. प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 से 18 जुलाई तक एयर फोर्स एयरमैन रिक्रूटमेंट भर्ती परीक्षा चली थी, जिसमें पानीपत के न्यू मॉडर्न स्कूल में पेपर सॉल्व करवाने वाले गिरोह को पकड़ लिया गया है.


आरोपियों के पास से सीआईए तीन पुलिस को 14 ईयर ब्लूटूथ डॉट, 11 ब्लूटूथ, 4 टेप, ब्लूटूथ में डालने वाले 35 सैल और 6 मोबाइल बरामद हुए हैं. पेपर सोल करवाने वाला यह गैंग 6 लाख रुपए में पेपर सॉल्व करवाते थे. ऑनलाइन पेपर के लिए कंप्यूटर लैब में सेंटर बनाए गए थे. इन लैब संचालकों को 50% का कमीशन दिया जाता था. पकड़े गए गैंग के गिरोह के सदस्यों की जिम्मेदारी अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व के लिए तैयार कर करवाना और उनसे रुपए लेने की थी. पेपर सॉल्व कराने की जिम्मेदारी लैब के संचालकों की थी. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस को जानकारी मिली थी कि इन्होंने 17 अभ्यर्थियों को पास कराने की जिम्मेदारी ले रखी थी.

ऐसे होता था गोरखधंधा, समझें

पेपर शुरू होने के समय से एक घंटा पहले लैब के संचालकों को उन अभ्यर्थियों के रोल नंबर भेज दिए जाते थे जिनसे सेटिंग की गई थी. फिर जिम्मेदारी आती थी लैब में सुपरवाइजर की. लैब संचालक सुपरवाइजर रूप से इशारे करवाते जिनके जरिए पेपर सॉल्व किया जाता था. इशारों को समझने के लिए पहले ही अभ्यर्थियों को पढ़ा दिया जाता था. सुपरवाइजर की जेब में यदि एक हाथ है तो अभ्यर्थियों के लिए यह इशारा होता था कि उतर A जाएगा. यदि दोनों जेबों में हाथ होता तो इसका मतलब उत्तर B आएगा. यदि हाथ दोनों कमर के पीछे बंधे होते तो इसका मतलब उत्तर B आएगा. यदि दोनों हाथों को अपने छाती के पास बांध रखा होता तो उत्तर D आएगा. इसके अलावा एक और कोड बनाया गया था कि यदि सुपरवाइजर ने दोनों हाथ जोड़कर ताली बजा दी तो इसका मतलब नेक्स्ट प्रश्न पर जाना है. इस तरीके से अभ्यर्थियों के पूरे पेपर को संचालकों के द्वारा सुपरवाइजर की मदद से हल करवा दिया जाता था. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों के खिलाफ सदर थाने में केस दर्ज करवा दिया गया है. कोर्ट द्वारा सभी को 6 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया गया है.

सख़्ती होने पर बदला प्लान

इन आरोपियों से पुलिस को जानकारी मिली कि इससे पहले पेपर सोल करवाने का उनका प्लान दूसरा था जिसके तहत ब्लूटूथ के जरिए पेपर लीक करवा कर बाहर से शुरू कराया जाना था लेकिन नियम बदल गए और शक्ति बढ़ गई तो उन्हें दूसरे प्लान पर जाना पड़ा अब दूसरे प्लान के तहत लैब संचालकों से सेटिंग कर सुपरवाइजर रो की मदद से पेपर सॉल्व कराए गए.

न्यू मॉडर्न स्कूल की लैब में था ठिकाना

पुलिस को इन आरोपियों से पता लगा कि इन्होंने न्यू मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की निर्माणाधीन लैब में अपना ठिकाना बना रखा था. पुलिस को ऐसी सूचना मिली कि इस निर्माणाधीन लैब में एयर फोर्स एयरमैन रिक्रूटमेंट शेड्यूल टेस्ट प्वाइंट 1 की भर्ती के पेपर सॉल्व करवाएं जाने संबंधित गोरखधंधा चल रहा है. सूचना मिलते ही पुलिस ने छापा मारा और हिसार के गामड़ा निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू, सोनीपत के बरोदा निवासी रिक्की, रोहतक के आसन निवासी धर्मबीर और दादरी के हाड़ौदी निवासी अमित को गिरफ्तार कर लिया. गिरोह का सरगना रिक्की बीएससी पास बताया जा रहा है. उसी ने स्कूल में लैब तैयार करने का ठेका 2 महीने पहले लिया था. इस मामले में पुलिस स्कूल मालिक की भूमिका की भी जांच कर रही है.

रिक्की चलाता था पहले एकेडमी फिर बनाया पेपर सॉल्वर गैंग

पुलिस को जानकारी मिली कि इस गैंग के सरगना रिक्की ने 2016 में पीजी खोला था. उसके बाद इसने आर्मी एयरफोर्स और नेवी की कोचिंग के लिए भारत निर्माण नाम से एकेडमी शुरू की. यह अकैडमी रोहतक में खोली गई. लेकिन लॉकडाउन के चलते यह एकेडमी पिछले साल बंद हो गई. तब उसने अपने साथियों के साथ मिलकर पेपर सॉल्वर गैंग बनाने का काम शुरू कर दिया. बाकी तीन आरोपी उसकी एकेडमी में आते थे. बताया जा रहा है कि इस भर्ती से पहले इन लोगों ने दिल्ली पुलिस और एयरफोर्स भर्ती में करीब 40 अभ्यर्थियों का पेपर सॉल्व करवाया था. वही जितेंद्र ग्राम सचिव पेपर लीक मामले में जमानत पर था.

Exit mobile version