113 केस के साथ हरियाणा समेत 12 राज्यों तक पहुंचा Omicron, सरकार ने किया आगाह, देश में हर रोज आ सकते हैं 14 लाख मामले

नई दिल्ली : सरकार ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (omicron) के प्रति लोगों को सावधान (alert) करते हुए कहा कि इसे हल्के में नहीं लें। इससे संक्रमित होने वालों में भले ही हल्के लक्षण नजर आ रहे हैं, लेकिन यह तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। सरकार ने इसके लिए अफ्रीका और यूरोप (africa & europe) के साथ ही ब्रिटेन (britain) जैसे देशों का उदाहरण दिया है, जहां कोरोना के नए मामले रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं।

यूपी समेत 12 राज्‍यों तक पहुंचा ओमिक्रोन

देश में अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक ओमिक्रोन वैरिएंट पहुंच गया है और इसके कुल 113 मामले सामने चुके हैं। इसमें शुक्रवार को महाराष्ट्र में आठ, केरल और उत्तर प्रदेश में ओमिक्रोन के मिले दो-दो मामले भी शामिल हैं।

भारत में ओमिक्रोन के मामले

राज्य मामले

महाराष्ट्र 40

दिल्ली 22

राजस्थान 17

तेलंगाना 8

कर्नाटक 8

केरल 7

गुजरात 5

उत्तर प्रदेश 2

आंध्र प्रदेश 1

तमिलनाडु 1

बंगाल 1

चंडीगढ़ 1

टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डा. बलराम भार्गव (dr. balwan bhargava) ने ओमिक्रोन (omicron) को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि मामले तेजी से बढ़ने की स्थिति में स्वास्थ्य ढांचे पर बोझ बढ़ना स्वाभाविक है। उन्होंने देश के 24 जिलों में पांच प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर पर चिंता जताते हुए टेस्टिंग (testing) बढ़ाकर उसे जल्द से जल्द पांच फीसद के नीचे लाने पर जोर दिया। साथ ही ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमितों और उनके संपर्कों की तत्काल पहचान कर उन्हें आइसोलेट करने को जरूरी बताया।

टीके की दोनों डोज लेने की अपील

वहीं ओमिक्रोन के खतरे के प्रति आगाह करते हुए नीति आयोग के सदस्य व कोरोना टीकाकरण टास्क फोर्स के प्रमुख डा. वीके पाल ने लोगों से कोरोना उचित व्यवहार का कड़ाई से पालन करते रहने और जल्द से जल्द टीके की दोनों डोज लेने की अपील की।

समारोहों से दूर रहने की अपील

दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति के आंकड़े देते हुए डा. पाल ने कहा कि इससे बचने के लिए बार-बार हाथ धोने, उचित दूरी बनाए रखने और मास्क पहनने जैसे पुराने तौर-तरीकों का कड़ाई से पालन करने के साथ ही बेवजह यात्रा से भी बचना चाहिए। उन्होंने लोगों से त्योहारों व अन्य धार्मिक व सामाजिक समारोहों से दूर रहने की अपील की। उनका कहना था कि सर्दियों में वैसे भी वायरस के तेजी से फैलने का खतरा होता है, इसीलिए नए साल के जश्न में भी सावधानी की जरूरत है।

व्यापक संक्रमण शुरू नहीं हुआ

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने देश और पूरी दुनिया में ओमिक्रोन वैरिएंट के संक्रमण की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में जितने लोग संक्रमित पाए गए हैं उनमें से ज्यादातर विदेश से आने वाले यात्री और उनके संपर्क में आए लोग हैं। सिर्फ बेंगलुरु में एक ऐसा संक्रमित मिला है जिसके विदेश जाने या विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के संपर्क में आने का रिकार्ड नहीं है। इससे साफ है कि देश में अभी ओमिक्रोन वैरिएंट का व्यापक संक्रमण शुरू नहीं हुआ है, लेकिन स्थिति पर कड़ाई से नजर रखी जा रही है।

विदेश में ओमिक्रोन के बढ़ने लगे मामले

डा. पाल ने कहा कि पिछले एक हफ्ते में अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में स्थिति बदतर हो गई है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण प्रतिदिन 24,785 के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जिनमें 98 प्रतिशत ओमिक्रोन वैरिएंट के मामले मिल रहे हैं। ब्रिटेन में 2.4 प्रतिशत ओमिक्रोन वैरिएंट के साथ 88,042 केस प्रतिदिन के उच्चतम स्तर तक जा चुका है। यह हालात ज्यादा ¨चताजनक इसीलिए भी है कि क्योंकि वहां डेल्टा वैरिएंट का संक्रमण बड़े पैमाने पर हो चुका था और 70-80 फीसद जनसंख्या का टीकाकरण भी हो चुका है। ऐसे में ओमिक्रोन वैरिएंट के कारण संक्रमण का नई ऊंचाई पर पहुंचना खतरनाक संकेत है।

भारत में प्रतिदिन 14 लाख तक आ सकते हैं मामले

डा. पाल ने कहा कि ब्रिटेन की जनसंख्या के हिसाब से प्रतिदिन आने वाले केस की तुलना भारत की आबादी से की जाए तो 88 हजार प्रतिदिन का केस भारत में 14 लाख केस प्रतिदिन से अधिक हो सकता है। दूसरी लहर के दौरान देश में संक्रमितों का आंकड़ा चार लाख प्रतिदिन को पार कर गया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल ब्रिटेन व अन्य देशों में नए संक्रमण हल्के किस्म के हैं और स्वास्थ्य ढांचे पर दवाब नहीं दिख रहा है, लेकिन साफ-साफ कुछ नहीं जा सकता है।

वैक्सीन से ही मिलेगी सुरक्षा

भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में ओमिक्रोन के हल्के लक्षणों के बारे में अग्रवाल ने कहा कि अभी साफ-साफ कुछ नहीं कहा जा सकता है। यह भी देखना होगा कि भारतीयों के जीनोम में ओमिक्रोन संक्रमण की प्रतिक्रिया कैसी होती है। अभी सिर्फ एक बात तय है कि वैक्सीन लेने वालों में संक्रमण के लक्षण हल्के होते हैं, इसीलिए सरकार बार-बार सबको टीका लगाने पर जोर दे रही है।

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