नंबरदारी प्रथा के कामकाज पर हुई सख्ती, नए नियम लागू, नियमों में कड़ाई से नंबरदार एसोसिएशन में रोष

बाढड़ा : प्रदेश सरकार के राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग ने नंबरदारी प्रथा के कामकाज पर अब सख्ती बरतनी शुरू करते हुए सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर नए नंबरदारों व सहयोगी सर्बरा नंबरदार की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए मौजूदा कार्यरत नंबरदारों को 75 वर्ष तक कार्यरत रखने व 60 वर्ष के बाद सीएमओ से मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र तलब किया है। सरकार के इस फैसलें से नंबरदार एसोसिएशन ने कड़ा रोष जताया है।

प्रदेश सरकार के राजस्व एवं प्रबंधन विभाग ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र भेजकर बताया कि प्रदेश सरकार नंबरदार व सर्बरा व्यवस्था में सुधारीकरण के लिए नई नियुक्ति पर रोक लगाते हुए मौजूदा नंबरदारों की 75 वर्ष तक ही सेवाएं लेने का फैसला किया है।

इसी आदेश में उन्होंने कार्यरत नंबरदारों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाते हुए 60 वर्ष से 70 वर्ष तक की आयु समय में जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी की जांच के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र बनवाने का आदेश दिया है। इससे पहले ही आयुष्मान कार्ड, मोबाईल सुविधा व अन्य लंबित मांगों को लेकर आंदोलनरत नंबरदारों में इस पत्र से रोष फैल गया है।

वहीं हरियाणा नंबरदार एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर 17 दिसंबर को विधानसभा घेराव कार्यक्रम को टालकर अब सत्तापक्ष व विपक्ष को अपनी मांग को उठाने के लिए अधिकृत किया है जिसके बाद होने वाले फैसलें पर आगामी कार्यवाही के बाद आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया है।

नंबरदार समाज अपनी उपेक्षा सही करेंगे

नंबरदार एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजबीर हंसावास, कोर कमेटी सदस्य बलबीर भांडवा व देवीलाल सैन ने कहा कि प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग का 23 नवंबर को सभी जिला उपायुक्तों को जो पत्र जारी हुआ है उसमें साफ लिखा है कि नंबरदारों की कार्यशैली की जांच करते हुए नंबरदारों के पदों पर नई नियुक्ति न की जाए।

इससे साफ हो गया है कि सरकार राजस्व विभाग को केवल कंप्यूटर के सहारे ही कामकाज करेंगी लेकिन यह प्राचीन परंपरा के खिलाफ कदम है जो प्रशासन व आमजन के बीच सेतु के रुप में कार्य करता है। आजादी से पहले भी नंबरदारों का पद बहुत मान स मान का माना जाता था जो आज भी गौरवपूर्ण पहचान का रुतबा माना जाता है लेकिन सरकार अब जानबूझ कर इसको खत्म करने की फिराक में है।

राजस्व विभाग की भूमि खरीद फरो त, जाति एवं रिहायशी प्रमाणपत्र व अन्य जरूरी दस्तावेजों में नंबरदार की रिपोर्ट ही प्रमुख आधार माना जाता है। प्रदेश में जब से भाजपा जजपा गठबंधन सरकार आई है उसी दिन से नंबरदारों के साथ सौतेला बर्ताव करते हुए एक साल से नई नियुक्तियां बंद की हुई हैं लेकिन अब तो सरकार ने आदेश पत्र जारी कर दिया कि यह पद किसी समय समाप्त किया जा सकता है।

इससे प्रदेश भर में नंबरदारों में रोष बना हुआ है तथा सरकार की तानाशाही के खिलाफ प्रत्येक गांव के नंबरदार कमेटी गठित कर जल्द ही रा’य स्तर पर बड़ा प्रदर्शन करने का फैसला करते हुए विधायकों, सांसदों को ज्ञापन दिया है तथा विस सत्र में सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तथा सरकार ने जल्द ही अपने पत्र को वापिस नहीं लेते हुए नई नियुक्ति आरंभ नहीं की तो नंबरदार राज्य स्तर पर बड़ा विरोध करेंगे।

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