अब हफ्ते में 2 की जगह 3 दिन मिलेगी छुट्टी, सैलेरी में होगी कटौती जानें क्या है नए नियम

नई दिल्ली : नए साल पर कर्मचारियों के लिए अच्छी और बुरी दोनों खबर है। एक तरफ कर्मचारियों को काम से थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन इसके लिए वेतन में कटौती की जाएगी। कर्मचारियों को अब हफ्ते में 2 नहीं बल्कि 3 दिन की छुट्टी मिलेगी।

दरअसल अगले साल 2022-2023 में मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा और स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार लेबर कोड को लागू किया जा सकता है। केंद्र ने कोड के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने हैं। क्योंकि लेबर समवर्ती सूची का विषय है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कम से कम 13 राज्यों ने इन कानूनों के ड्राफ्ट रूल्स को तैयार कर लिया है। चार लेबर कोड के अगले वित्त वर्ष 2022-23 में लागू होने की संभावना है, क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इनके ड्राफ्ट रूल्स को अंतिम रूप दे दिया है।

केंद्र ने फरवरी 2021 में इन कोड के ड्राफ्ट रूल्स को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन चूंकि लेबर एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य भी इसे एक साथ लागू करें.” दरअसल केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने राज्यसभा में बताया था कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर लेबर कोड के ड्राफ्ट रूल्स को कम से कम 13 राज्य तैयार कर चुके हैं।

इसके अलावा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मजदूरी पर लेबर कोड के ड्राफ्ट रूल्स को तैयार किया है। औद्योगिक संबंध संहिता के ड्राफ्ट रूल्स को 20 राज्यों ने और सामाजिक सुरक्षा कोड के ड्राफ्ट रूल्स को 18 राज्यों ने तैयार कर लिया है।

नए ड्राफ्ट कानून में रोजाना कामकाज के अधिकतम घंटों को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव रखा गया है। लेकिन हफ्ते में 48 घंटे ही काम करना होगा। अगर कोई रोजाना 8 घंटे काम करता है तो उसे सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा जबकि 12 घंटे काम करने वाले व्यक्ति को सप्ताह में 4 दिन काम करना होगा।

नए श्रम कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों को हफ्ते में 2 की जगह 3 दिन की छुट्टी मिलेगी लेकिन कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन घट जाएगा। वहीं, कंपनियों को ऊंचे पीएफ दायित्व का बोझ उठाना पड़ेगा। बेसिक सैलरी कुल वेतन की 50 फीसदी या ज्‍यादा हो सकती है।

इस बदलाव के बाद ज्यादातर कर्मचारियों के सैलरी में बदलाव आएगा। बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और ग्रेच्युटी के लिए कटने वाला पैसा बढ़ जाएगा। इसमें जाने वाला पैसा बेसिक सैलरी के अनुपात में तय किया जाता है। जिसकी वजह से कर्मचारियों की टेक होम सैलरी घट जाएगी। लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाला पीएफ और ग्रेच्युटी का पैसा बढ़ जाएगा।

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