Court का बड़ा फैसला, हत्या के मामले में दोषी नाबालिग को सुनाई उम्रकैद की सजा

चंडीगढ़ : Chandigarh Court ने हत्या के एक मामले में एक बड़ा फैसला दिया है. आपको बता दें की शुक्रवार को Chandigarh Court ने हत्या के मामले में गिरफ्तार एक नाबालिक युवक को उम्र कैद और 10,000 रूपए जुर्माना देने की सजा सुनाई है. बाकि 8 हत्या के आरोपी व्यस्क हैं. इसलिए उनके खिलाफ दूसरे Court में कार्यवाही चल रही है. निर्भया रेप केस के बाद यह हत्या के मामले में ऐसा केस है जिसमें नाबालिग को इतनी सख्त सजा दी गई है.

आखिर क्या था मामला

मामला है हिसार जिले के गांव उगालन वासी नवीन का, जिसने 12 जून 2018 को बांस थाने में अपनी पिता रमेश की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.रमेश का कहना था कि 31 मई 2018 को वह शाम के करीब 5 बजे विद्या अकेडमी में योग कर रहा था, तभी उसे बाहर से झगड़े की आवाज आयी, जब वह वहाँ पहुंचा तो देखा की कुछ लोग हथियारों से उनके पिता पर वार कर रहे थे. उसके पिता की हालात गंभीर थी. नवीन ने तुरंत पास के अस्पताल में अपने पिता को भर्ती कराया, जहाँ 12 जून को उनकी मौत हो गई. नवीन द्वारा दिए गये बयान के अनुसार कृष्ण उर्फ काला, जगदीश, राजेश, मनदीप उर्फ जहरी, सोनू, दशरथ, संजय और दो अन्य हथियारों से उनके पिता पर हमला कर रहे थे. पर्याप्त सबूत ना होने के कारण कोर्ट ने एक नाबालिक आरोपी को बरी कर दिया और दूसरे को एडिशनल सेशन जज अजय तेवतिया ने कड़ी सजा सुनाई.

आपकी जानकारी के लिए बता दें की 7 फरवरी को दो नाबालिक आरोपियों को जुवेनिल जस्टिस के लिए भेजा गया. क्यूंकि दोनों ही आरोपी अभी नाबालिक थे, परन्तु कोर्ट का कहना था कि आरोपी मानसिक रूप से नाबालिक नहीं है. इसलिए कोई भी कोताही ना बरती जाये. उसके बाद एडिशनल सेशन जज अजय तेवतिया को यह केस सौप दिया गया था.

28 जुलाई को ही एक नाबालिक को रिहा कर दिया गया था. बताया जा रहा है की उस नाबालिक युवक के विरुद्ध प्रयाप्त सबूत नहीं मिले. परन्तु दूसरे आरोपी युवक पर कार्यवाही करते हुए कोर्ट ने उसे उम्र कैद की सजा और 10,000 रूपए जुर्माना देने की सजा सुना दी.

निर्भया केस के बाद ऐसा तीसरी बार हुआ है कि किसी नाबालिक को इतनी सख्त सजा दी गई है. आपको बता दें की इससे पहले हिसार में हुए एक रेपकांड में नाबालिक आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई जा चुकी है और अब उसके बाद शुक्रवार को हत्या के आरोपी एक नाबालिक को उम्र कैद की सजा और 10,000 रुपए जुर्माना देने की सजा सुनाई गई.

इसलिए किया गया था कानून में संसोधन

आपको बता दें की निर्भया केस के बाद ही 2013 में कानून में संसोधन किया गया था. इसमें महिला सुरक्षा की ओर ध्यान देते हुए रेप और हत्या जैसे गुनाह करने पर नाबालिक को व्यस्क मानकर सजा देने का प्रावधान है. वही किशोर नियम 2015 में किये गये संसोधन के अनुसार गंभीर मामलो में 16 वर्ष से कम के आरोपी को नाबालिक माना जायेगा.

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