दरिंदे को फांसी; 5 साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद की थी हत्या, Court ने 11 माह में निपटाया केस

झज्जर : पांच साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को झज्जर (jhajjar) के फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast track court) ने घटना के 11 माह के भीतर सोमवार को फांसी की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज (Additional Sessions Judge Hemraj) की अदालत में मामले की सुनवाई चल रही थी। दोषी को अन्य धाराओं में आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा भी सुनाई है।

मध्यप्रदेश निवासी व्यक्ति (बच्ची का पिता) परिवार के साथ ढाई साल पहले आरोपी युवक विनोद (vinod) उर्फ मुन्ना के घर में किराये पर रहता था। बाद में वह दूसरी जगह किराये में रहने लगा था। 20 दिसंबर, 2020 की रात करीब डेढ़ बजे शराब के नशे में धुत विनोद उसके घर पहुंचा।

विनोद के सिर में चोट लगी देख बच्ची का पिता उसे छोड़ने उसके घर चला गया। विनोद ने अपने घर जाकर बच्ची के पिता को मारपीट के बाद घर में बंद कर दिया। वापस उसके किराये के घर में आकर आरोपी ने पहले बच्ची की मां से दुष्कर्म का प्रयास किया। महिला किसी तरह जान बचाकर भागी।
इस पर आरोपी पांच साल की बच्ची को उठाकर अपने घर ले गया। इसके बाद बच्ची के पिता को छोड़ दिया, लेकिन बच्ची से दुष्कर्म करने बाद उसकी हत्या कर दी। बच्ची के गायब होने की शिकायत पर उसके घर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़कर आरोपी को मौके से गिरफ्तार कर लिया था। उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट और हत्या की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पोक्सो एक्ट, हत्या के अलावा एससी-एसटी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। आरोपी के खिलाफ दो पुलिस कर्मियों की हत्या समेत आठ गंभीर आपराधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज की अदालत ने 25 गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद सोमवार को आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी को धारा 451 के तहत सात साल की सजा एवं पांच हजार रुपये जुर्माना, धारा 365 के तहत सात साल की सजा एवं पांच हजार रुपये जुर्माना, 367 के तहत 10 साल की सजा एवं 25 हजार रुपये जुर्माना, धारा 377 के तहत 10 साल की सजा एवं 50 हजार रुपये जुर्माना, धारा 376 ए, बी के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये जुर्माना, 6 पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि धारा 302 के तहत फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में सुनवाई के दौरान मुख्य गवाहों के रूप में मासूम के माता-पिता, डीएसपी राहुल देव, इंस्पेक्टर उर्मिला सहित 25 गवाह अदालत में पेश हुए थे।
अदालत का फैसला सोमवार को आ गया है। आरोपी के खिलाफ हर प्रकार के सुबूत अदालत में पेश किए गए थे। एक सप्ताह के अंदर ही इस मामले में अदालत में चालान भी पेश कर दिया था। पुराने केसों की हिस्ट्री भी अदालत में पेश की गई थी। डीएनए भी मैच हो गया था। – राहुल देव, डीएसपी, झज्जर।
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