शिक्षा विभाग के हजारों कर्मियों की एलटीसी फाइलें अटकी, एलटीसी राशि लैप्स होने के आसार

रेवाड़ी : शिक्षा विभाग में डीईओ से लेकर पीजीटी तक करीब 10 हजार कर्मचारियों की एलटीसी राशि की फाइलें अधिकारियों के पास अटकी पड़ी हैं। चालू वित्त वर्ष खत्म होने में 10 दिन का समय शेष है। ऐसे में इस बार भी बजट में स्वीकृत एलटीसी की राशि लैप्स होने के पूरे आसार हैं। शिक्षा मंत्री के पूर्व में दिए गए आदेशों और हसला की प्रदेश इकाई के दबाव से 16 फरवरी को एसीएस ऑफिस से यह फाइल डाउनमार्क तो हो गई, परंतु इसके इसी वित्त वर्ष में संबंधित अधिकारियों तक पहुंचने के आसार कम ही नजर आ रहे हैं।

शिक्षा विभाग के हजारों लेक्चरर, कर्मचारी व अधिकारी करीब तीन साल से अपनी एलटीसी राशि का इंतजार कर रहे हैं। वित्त विभाग की ओर से इसका बजट भी स्वीकृत किया हुआ है। इसके बावजूद यह राशि लाभार्थियों के खाते तक पहुंचने में लगातार देरी की जा रही है। एलटीसी की राशि का भुगतान चार साल में एक बार किया जाता है। यह राशि एचआरए छोडकर एक माह के वेतन के समान होती है। इसके लिए चार साल का ब्लॉक बनाया जाता है।

वर्ष 2016-19 ब्लॉक के करीब 25 फीसदी टीचरों को इस राशि का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। हसला प्रधान की ओर से शिक्षा विभाग के निदेशक को पत्र लिखकर बकाया शिक्षकों की एलटीसी राशि जारी करने के लिए पत्र लिखा गया था। इसके बाद विभाग के निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर एलटीसी कर्मचारियों से उनके बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद विभाग के अधिकारियों ने इस दिशा में सकारात्मक कदम नहीं उठाए।

शिक्षा मंत्री ने दिए थे आदेश

मामला नोटिस में आने के बाद प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने विभाग के उच्चाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा था कि जिला स्तर पर एलटीसी से संबंधित मामलों का निपटरा तत्काल किया जाए। साथ ही जिन अधिकारियों या कर्मचारियों ने एसटीसी की स्वीकृति के बाद भी उसे अपने स्तर पर लंबित रखा, उनके खिलाफ अनुशानात्मक कार्रवाई की जाए। मंत्री के इन आदेशों के बावजूद विभाग के अधिकारियों के कानों पर अभी तक जूं नहीं रेंगी है। एससीईआरटी गुरूग्राम और शिक्षा निदेशालय की ओर एलटीसी राशि जारी करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

पेयी कोड से उलझ रहा मामला

विभाग की ओर से कर्मचारियों को एक बार एलटीसी की राशि जारी करने के बाद इसे दोबारा लेने की कोई गुंजाइश नहीं रहती। इसके बावजूद विभाग पेयी कोड की आड़ में कर्मचारियों को इससे वंचित कर रहा है। एलटीसी के लिए विभाग पेयी कोड जुटाने के नाम पर एक बार फिर इस साल के बजट को लप्स कराने की फिराक में नजर आ रहा है। वित्त विभाग की ओर से एलटीसी का बजट जारी किया हुआ है, लेकिन बिलों के लिए कर्मचारियों को वेबसाइट पर ऑप्शन ही नहीं दिया गया है।

एलटीसी जारी कराने के लिए बना रहे दबाव

हमारी यूनियन एलटीसी जारी कराने के लिए लगातार दबाव बना रही है। दबाव के बाद एसीएस कार्यालय से फाइल डाउनमार्क की जा चुकी है। अभी इस फाइल के समय पर संबंधित अधिकारियों के पास पहुंचने पर भी संशय बरकरार है। फाइल में देरी बजट में स्वीकृत राशि को लैप्स करा देगी। – सतपाल संधु, प्रदेश प्रधान, हसला।

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