हरियाणा परिवहन विभाग ने दिया यात्रियों को झटका, नहीं होगा बसों का किराया कम

चंडीगढ़ : किसान आंदोलन के कारण चंडीगढ़-दिल्ली-गुरुग्राम रूट पर 100-100 रुपये बढ़ाया गया रोडवेज वॉल्वो का किराया कम नहीं होगा। परिवहन विभाग ने इससे साफ इनकार दिया है। बेशक, बसें खाली दौड़ती रहें।

विभाग ने बीते जुलाई में चंडीगढ़-दिल्ली व गुरुग्राम रूट पर जाने वाली वॉल्वो का किराया 100-100 रुपये बढ़ा दिया था। इसके पीछे तर्क दिया गया कि किसान आंदोलन के कारण बसें सोनीपत से सीधे दिल्ली-गुरुग्राम नहीं जा रहीं। केएमपी व केजीपी एक्सप्रेस वे से होकर जाना पड़ रहा है।

जिससे अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है, इसलिए बढ़ोतरी जरूरी है। पहले दिल्ली आईएसबीटी व एयरपोर्ट के 595 व गुरुग्राम के 710 रुपये लगते थे। अब 695 व 810 लग रहे हैं। इससे सवारियां रोडवेज की वॉल्वो में न बैठक सीटीयू व हिमाचल पथ परिवहन निगम की वॉल्वो व एसी बसों में जा रही हैं। सीटीयू का चंडीगढ़ से दिल्ली का किराया 430 व हिमाचल की वॉल्वो का लगभग 570 रुपये है। पंजाब की वॉल्वो का किराया भी कम है।

किराया अधिक होने से रोडवेज का धंधा चौपट हो चुका है। चंडीगढ़-दिल्ली-गुरुग्राम रूट पर वॉल्वो खाली दौड़ रही हैं। 52 सीटों वाली बसों में जुलाई 2021 से औसतन 3 से 15 यात्री ही बैठ रहे हैं। बसें खाली दौड़ने से रोडवेज को रोजाना लाखों की चपत लग रही है।

अभी चंडीगढ़ व गुरुग्राम डिपो की 6-6 बसें ही चंडीगढ़-दिल्ली व गुरुग्राम के बीच चलाई जा रही हैं। अन्य 25-30 बसों को सवारियां न मिलने से खड़ा कर दिया है।  अब किसान आंदोलन खत्म हो चुका है। चंडीगढ़ से गुरुग्राम व दिल्ली के लिए सीधे जीटी रोड पर जल्द बसें चलना शुरू हो जाएंगी, लेकिन परिवहन विभाग ने डीजल के रेट बढ़ने की दलील देते हुए किराये में कटौती न करने का निर्णय लिया है।

कोविड से पहले सीट के लिए लगानी पड़ती थी सिफारिश

कोविड से पहले तक रोडवेज की वॉल्वो में सीट मिलना मुश्किल था। लंबी लाइनें लगती थीं। लोग परिवहन विभाग के महानिदेशक व अन्य बड़े अफसरों की सिफारिश सीट के लिए लगवाते थे। कोविड के कारण बसों का संचालन बंद हो गया। इस साल 5 जुलाई से जब दोबारा ये बसें चलना शुरू हुईं तो पहले की तरह सवारियां मिलना बंद हो गईं।

डीजल के रेट बढ़े, कम नहीं होगा किराया : रामचंद्रन

परिवहन विभाग की प्रधान सचिव आईपीएस कला रामचंद्रन ने कहा कि वॉल्वो का किराया घटाया नहीं जाएगा। डीजल के दाम काफी बढ़े हैं। ऐसे में किराया कम नहीं किया जा सकता। वॉल्वो को सवारी मिले या नहीं, सामाजिक दायित्व के तहत रूट पर बसें चलती रहेंगी।
Exit mobile version