हरियाणा के इन चार जिलों में Electric Vehicle चलाने की तैयारी में हरियाणा सरकार, चार्जिंग स्टेशन की योजना तैयार

चंडीगढ़ : गोवा में परिवहन मंत्रियों (transport ministers) की कान्फ्रेंस के बाद हरियाणा सरकार (haryana government) ने अपने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicles) चलाने की कवायद शुरू कर दी है। डीजल व पेट्रोल के वाहनों से बढ़ रहे प्रदूषण (pollution) को रोकने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने की सोच रही है। इसके लिए सरकार ने नीति भी बना ली है। फिलहाल एनसीआर (NCR) के चार जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद सोनीपत और झज्जर में इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरूआत होगी।

वर्ष 2024 तक पूरे प्रदेश में इसे लागू करने की योजना है। इन चारों ही जिलों में इलेक्ट्रिक वाहनों से पहले सरकार चार्जिंग स्टेशन (charging station) का प्रबंध करेगी। इसके लिए चारों जिलों के उपायुक्तों से विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है। शहर के अंदर ही नहीं, मुख्य सड़कों पर भी उन जगहों को चिह्नित करने के आदेश दिए गए हैं, जहां चार्जिंग स्टेशन स्थापित हो सकते हैं।

चार्जिंग स्टेशन भी अधिक क्षमता और स्पीड वाले होंगे, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों को जल्द चार्ज किया जा सके। इसी क्रम में इन चारों जिलों में सिटी बस सर्विस के अलावा छोटे रूट पर परिवहन विभाग की बसें भी इलेक्ट्रिक चलाने की योजना है।

पिछले दिनों इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए गोवा में हुई परिवहन मंत्रियों की कान्फ्रेंस में हरियाणा के परिवहन मंत्री पंडित मूलचंद शर्मा ने भी भाग लिया था। इस कान्फ्रेंस से लौटने के बाद मूलचंद शर्मा ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने जनवरी में इस मुद्दे पर फिर बैठक बुलाई है। संभवत: इस बैठक में इन चारों जिलों के डीसी और परिवहन अधिकारियों को भी बुलाया जाएगा।

सीएम मनोहर लाल 2021-22 के वार्षिक बजट में ही इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का ऐलान कर चुके हैं, जिसे अब फलीभूत होने का समय आया है। गोवा में हुई परिवहन मंत्रियों की बैठक में मोटे तौर पर तय हो गया कि एनसीआर से इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत होगी। ऐसे में हरियाणा के अलावा नई दिल्ली, राजस्थान व उत्तर प्रदेश की सरकार भी अपने यहां इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर देगी।

एनसीआर में ही प्रदूषण की सबसे अधिक समस्या रहती है। सुप्रीम कोर्ट व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी प्रदूषण के मुद्दे पर काफी सख्त है। इसी के चलते केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए इलेक्ट्रिक वाहन की पालिसी बनाने को कहा है।

परिवहन विभाग गुरुग्राम से फरीदाबाद तक ट्रायल तौर पर इलेक्ट्रिक बस (electric bus) चला चुका है। इसके नजीते अच्छे नहीं रहे। ऐसे में बड़ी के बजाय छोटी इलेक्ट्रिक बसों पर फोकस रहेगा। साथ ही, शुरूआत में छोटे रूट पर इलेक्ट्रिक बसों को चलाया जाएगा, ताकि चार्जिंग के लिए बसों को बीच में न रोकना पड़े। आमतौर पर इलेक्ट्रिक वाहन पूरी तरह से चार्ज होने के बाद 200 किलोमीटर तक का सफर कर सकते हैं। ऐसे में इसी हिसाब से रूट भी तय होंगे।

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