आज से शुरू हुए गुप्त नवरात्रे, जाने क्या है रहस्य गुप्त नवरात्रों का

डेस्क : आज 11 जुलाई से गुप्त नवरात्रों की शुरुआत हो चुकी है. वर्ष में आने वाले 2 नवरात्रों के बारे में तो आपने सुना होगा. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वर्ष में कुल मिलाकर चार नवरात्रि आते हैं. मुख्य रूप से चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में आप जानते हैं, लेकिन इसके अलावा दो और नवरात्रि भी होती हैं. नवरात्रों के दौरान मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा गुप्त रूप से की जाती है, इसीलिए इन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है. जिनके दौरान भक्तों की विशेष शुभकामनाओं की सिद्धि की जाती है.

कम लोगों को पता है गुप्त नवरात्रि के बारे में

आमतौर पर लोगों को चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में पता होता है. लेकिन इसके अलावा माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी आती है. जिनके बारे में लोगों की जानकारी कम है. आषाढ़ मास में यह नवरात्रि आती है, जिसे आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहते हैं. आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आषाढ़ की गुप्त नवरात्रि का आगमन होता है. आज 11 जुलाई 2021 रविवार से जो नवरात्रि शुरू हुई है वह आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि कहलाएगी और यह 11 जुलाई से प्रारंभ होकर 18 जुलाई 2021 रविवार को समाप्त होगी.

इन नवरात्रों में गुप्त रूप से की जाती है पूजा

गुप्त नवरात्रों के दौरान मां दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा गुप्त रूप से की जाती है. इसके बारे में किसी को बताया नहीं जाता. गुप्त नवरात्रों के दौरान विशेष बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए. ऐसी सलाह दी जाती है कि गुप्त नवरात्रों के दौरान सुबह और शाम नियमित रूप से पूजा पाठ की जानी चाहिए.

यह है गुप्त नवरात्रि का महत्व

जैसा कि नाम नाम से ही विदित हो रहा है कि इन नवरात्रि में गुप्त रूप से मां दुर्गा की पूजा की जाती है. इसमें विशेष तरह की इच्छा पूर्ति या मनोकामना पूरी करने के लिए पूजा पाठ किया जाता है. इन नवरात्रि में तंत्र-मंत्र और सिद्धि प्राप्त करने का विशेष महत्व माना जाता है. विशेष रूप से तांत्रिक, साधक या अघोरी तंत्र-मंत्र और विशेष मनोकामना प्राप्त करने के लिए मां दुर्गा की गुप्त रूप से साधना करते हैं. लेकिन आमजन भी गुप्त रूप में मां दुर्गा की पूजा आराधना कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा पाठ करने से आपके जीवन के संकटों का नाश होता है और मनोकामना सिद्ध होती है.

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