‘बुजुर्ग पर रेप जैसे आरोप लगाकर मरने के लिए मजबूर करना रहम लायक अपराध नहीं’: रेप के आरोप पर कोर्ट की टिप्पणी

हिसार : 60 साल के बुजुर्ग को दुष्कर्म का आरोप लगाकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने के केस में फैसला सुनाते हुए हिसार कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि एक महिला का बुजुर्ग पर रेप जैसे घिनौने आरोप लगाकर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करना माफी के लायक अपराध नहीं है।

महिला के झूठे आरोपों से आहत होकर बुजुर्ग ने बेइज्जती के डर से आत्महत्या कर ली। ऐसे केस में दोषी के साथ किसी तरह की नरमी नहीं बरती जा सकती। ये टिप्पणी करते हुए ADJ गुरविंदर सिंह वधवा की कोर्ट ने बासड़ा गांव की 45 वर्षीय राममूर्ति उर्फ मूर्ति देवी को 6 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

नत्थू राम को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के केस में दोषी मूर्ति देवी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसके पति की मौत हो चुकी है। बेटी ससुराल में रहती है और बेटा अविवाहित है। घर संभालने वाला कोई नहीं है, इसलिए उसके साथ सजा में नरमी बरती जाए। अक्टूबर 2017 में उसने अपने ससुर 60 वर्षीय नत्थू राम के खिलाफ बालसमन्द चौकी में शिकायत दी थी।

लेकिन आरोप से आहत होकर बेइज्जती के डर से नत्थूराम ने जहर खाकर जान दे दी थी। इसके बाद मामले में 45 वर्षीय मूर्तिदेवी उर्फ राममूर्ति के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया गया था। मृतक के बेटे भीम सिंह ने बताया कि 20 अक्टूबर को मेरे गांव का छोटू राम पिता नत्थूराम के पास आया था। उसने मूर्ति देवी को समझाने के लिए कहा था, जिसने सतबीर के खिलाफ दरखास्त दे रखी है।

जब मेरे पिता मूर्ति देवी को समझाने के लिए उसके घर गए तो वह उन्हें गलत बोलने लगी। उन्हें धमकाने लगी। इसके बाद बालसमंद चौकी में मेरे पिता के खिलाफ शिकायत दे दी। बोली कि रेप केस में फंसाकर जेल करवाकर मानूंगी। इससे पिता काफी परेशान हो गए थे। झूठे आरोपों के कारण बेइज्जती के डर से पिता नत्थूराम ने जहर खा लिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी।

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