सॉरी पापा… लिखकर रोहतक PGI में डॉक्टर ने लगा ली फांसी, सुसाइड नोट में लगाए गर्लफ्रेंड पर ये आरोप, देखें

रोहतक : रोहतक पीजीआई के हॉस्टल में मंगलवार शाम को बीडीएस पासआउट डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली। रूम नंबर 502 में शाम को उसका शव लटकता मिला। मरने वाले का नाम देवेंद्र है और वह भिवानी चुंगी पर राजेंद्र कॉलोनी का रहने वाला था। वह एमडीएस के लिए तैयारी कर रहा था यहां लाइब्रेरी में आता था। मंगलवार को डॉक्टर अपने जूनियर के रूम पर गया और जान दे दी। सूचना पर पुलिस पहुंची तो मौके से दो पेज का सुसाइड नोट मिला। सुसाइड नोट के अनुसार यह पूरा मामला लव ट्रैंगल से जुड़ा हुआ है।

देवेंद्र ने नोट में अपनी प्रेमिका और उसके प्रेमी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट के मजमून में लिखा है कि ब्रेकअप हो गया, अचानक इतना सब हो गया कि मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया, अब हिम्मत नहीं, सॉरी पापा। पुलिस ने कहा कि सुसाइड नोट मिला है। पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट सरोज दहिया ने साक्ष्य जुटाए। देवेंद्र के परिजनों को सूचना दी गई तो वे भी वहां पुहंच गए। देवेन्द्र के पिता बलजीत की शिकायत पर देर रात पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर लिया, जिसमें लड़की व लड़के को आरोपित बनाया गया है। पिता के मुताबिक आरोपित मेरे लड़के को लगातार टॉर्चर कर रहे थे।

जूनियर के कमरे पर आया देवेंद्र

देवेंद्र का परिवार मूल रूप से रिटौली का रहने वाला है। फिलहाल उसका परिवार राजेंद्र कॉलोनी में रहता है। देवेंद्र ने 2015 में बीडीएस में दाखिला लिया था और 2020 में पास हो गया था। मंगलवार शाम देवेंद्र यूजी हॉस्टल में अपने जूनियर के कमरे पर आया, लेकिन यहां से तीनों छात्र परीक्षा देने गए हुए थे। इस दौरान देवेंद्र ने कमरे परने से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शाम करीब साढ़े पांच बजे कमरे में रहने वाला रविंद्र वहां आया तो देवेंद्र को लटकता देख उसके पैरों तले की जमीन निकल गई।

यकीन नहीं होता, जांच हो

पीजीआई में आए देवेंद्र के पिता बलजीत ने बताया कि उनका बेटा सुबह घर से खाना खाकर और लंच लेकर आया था। वह रोज लाइब्रेरी मंे आता था। उसका व्यवहार भी सामान्य था। यकीन नहीं होता कि वह ऐसा कदम भी उठा सकता है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

जूनियर के कमरे पर आया देवेंद्र

देवेंद्र का परिवार मूल रूप से रिटौली का रहने वाला है। फिलहाल उसका परिवार राजेंद्र कॉलोनी में रहता है। देवेंद्र ने 2015 में बीडीएस में दाखिला लिया था और 2020 में पास हो गया था। मंगलवार शाम देवेंद्र यूजी हॉस्टल में अपने जूनियर के कमरे पर आया, लेकिन यहां से तीनों छात्र परीक्षा देने गए हुए थे। इस दौरान देवेंद्र ने कमरे परने से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शाम करीब साढ़े पांच बजे कमरे में रहने वाला रविंद्र वहां आया तो देवेंद्र को लटकता देख उसके पैरों तले की जमीन निकल गई।

यकीन नहीं होता, जांच हो

पीजीआई में आए देवेंद्र के पिता बलजीत ने बताया कि उनका बेटा सुबह घर से खाना खाकर और लंच लेकर आया था। वह रोज लाइब्रेरी मंे आता था। उसका व्यवहार भी सामान्य था। यकीन नहीं होता कि वह ऐसा कदम भी उठा सकता है। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।

सुसाइड नोट का पहला पेज

नमस्ते मम्मी, नमस्ते पापा

मैंने जो किया उसका कारण एक लड़की और उसका ब्वाय फ्रेंड है (यहां हम लड़की और लड़के का नाम नहीं लिख रहे)। जो शहर की एक कॉलोनी (नाम नहीं लिख रहे) में रहता है। उसके कोचिंग टाइम का दोस्त था तो हम मार्च 2021 से साथ में थे। चाहे तो हमारी कॉल रिकॉर्डिंग मिल जाएगी। मेरे फोन में फोटो भी मिल जाएंगी। हम दोनों प्यार करते थे।

वो शादी को लेकर पीछे पड़ी हुई थी। मैं भी चाहता था, लेकिन अपने हालात देखकर क्या ही बोलता। मैंने उसका बहुत साथ दिया जब वो घर थी, परेशान रहती थी। सरनेम सेम थे हमारे, कास्ट अलग थी, तो मुझे बहुत बाद में पता चला कि अलग कास्ट में सरनेम नहीं मिलाते। तो मैं भी मान गया। 11 फरवरी की शाम को उससे पहले बहुत परेशान किया उसने शादी के लिए।

बहुत बुरा-भला बोलती थी और घर में क्या चल रहा था आपको तो पता ही है मैं पढ़ने में ज्यादा टाइम लगाता था और उसे कम टाइम देने लगा। क्योंकि पढ़कर ही मैं हमारी मदद कर पाता। एग्जाम भी पास था, जॉब्स के फॉर्म भी निकले हुए थे। लेकिन 12 फरवरी को सुबह उसका मैसेज आया ब्रेकअप करना है, ये बोलेके, वैसे तो बहुत बार हम लड़ाई में बोल देते थे, लेकिन उसने फोन उठाना बंद कर दिया। 14 फरवरी की रात को उसने फोन करके बताया कि वो किसी ओर से साथ है।

मैं पहले ही दुखी था, अब मुझसे घर पर रहा नहीं गया, क्योंकि सिर्फ एक रात में ऐसा क्या हो गया था। 11 को हमारी बात हुई, मैं मान गया शादी के लिए शाम में और 12 फरवरी को वो बोलती ब्रेकअप, 14 फरवरी को बताया रिलेशनशिप में। मैं बहुत दुखी था मैं यहां आ गया और 16 को हमारी बात हुई। वो अपने बीएफ के रूम पर जा रही थी। वो एक कॉलोनी (नाम नहीं लिख रहे) में रहता है।

उस दिन हमारी लड़ाई भी हुई, लेकिन शाम ताक मैं बहुत दुखी हो गया। मैंने उसकी वीडियो उसे भेजकर डिलीट कर दिया था अपने फोन से सब, लेकिन मैं परेशान था, रो रहा था। गिड़गिड़ा रहा था। 17 फरवरी को मैं मिला उससे लंच में, ज्यादा बातें तो नहीं हुई, क्योंकि आवाज ही नहीं निकल रही थी। फिर शाम में उसका फोन आया। उसने बताया वो अपने ब्वॉय फ्रेंड के साथ है, 14 फरवरी को उसी के रूम पर थी और वो साथ रहने वाले हैं जल्द ही।

फिर बोली मैं वापस आ जाऊं तो मेरे लिए सब करोगे, मैं खुश हो गया। उसने बोला बीएफ से पूछकर बताऊंगी। लेकिन 18 फरवरी को उसने हद ही पार कर दी। मेरे रंग पर, मेरी हाइट पर, मेरे बैकग्राउंड पर बहुत कुछ बोला। मैं बहुत दुखी हो चुका था। दो बार तो मैंने देखा था इसे अपने ब्वायफ्रेंड के रूम से आते हुए 16 फरवरी को 17 फरवरी की रात में इसके बैच के कुछ लोगों ने भी देखा, इनके जाते हुए रूम की साइड, लेकिन किसी ने बताया वो कोई और लड़का है वो भी कोचिंग टाइम से ही है।

दूसरा पेज

अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मैं पागल सा हो गया था। सिर्फ एक रात में ऐसा कैसे हो गया और इसका बीएफ कहां से आ गया और दो दिन मंे रूम पे भी जाने लगी और इनको कॉलोनी में रूम इतनी जल्दी मिल भी गया। मैंने रिक्वेस्ट की बहुत, लेकिन वो बोलती मैं मूवी ज्यादा देखने लगा क्या, ड्रामा मत कर। बहुत इनसल्ट की। मैं खूब रोया, मैं बार-बार उसके रूम पे जाते देख चुका था, मैं नहीं रह पा रहा था। सभी रिलेशन हमारे भी थे, एक होटल (नाम नहीं लिख रहे) मंे जाते थे।

बहुत बार गए हैं, एंट्री भी मिल जाएगी 19 सितंबर, 8 जनवरी, 30 अक्टूबर, 26, 29 दिसंबर, 27, 28 सितंबर, नवंबर और भी या ये बात कॉल रिकॉर्डिंग में भी जाएगी। लेकिन सिर्फ दो दिनों में इतना हो गया था मेरे साथ। मैं पागल हो गया, पहले शादी के लिए टॉर्चर करती थी, अब ये टॉर्चर कभी मेरे केरेक्टर को लेकर टॉर्चर करती थी तो कभी कुछ। लेकिन मैं नहीं सहन कर पाया माफ कर देना।

मैं फैमिली के लिए बहुत सोचता था, करता भी था, लेकिन मुझे इसकी भनक भी नहीं थी कि क्या होने वाला है। रोज-रोज सब मेरी आंखों के सामने ही होता है। मैं बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था। लेकिन इनका कुछ मत करना। ये दोनों जिम्मेदार हैं मेरी हालात के। लेकिन आप कछ कर नहीं पाओगे। पैसे वेस्ट मत करना मेरे पीछे। जितना मुझसे हुआ, मैंने किया है, अपनी फैमिली के लिए माफ कर देना, लेकिन और हिम्मत नहीं बची मुझमें।

जो पूरा साल साथ थी, बस एक रात में चली गई। पूरा साल शादी के लिए जिद करती रही और जब मैं भी साथ था, तभी एक रात मंे कैसे कर गई वो। सब इतना जल्दी किया इन्होंने मैं बर्दाश्त नहीं कर पाया। पता है मुझे इसका और इसके बीएफ का कुछ नहीं जाएगा। रोना मेरे घर वालों को ही है, लेकिन मैं रोज-रोज नहीं मर सकता। ऐसी जिंदगी से आसान मुझे ये रास्ता लगा।

मिनटों का दर्द बस। माफ कर देना मुझे और मेरे भाईयों को मेरे जैसा भोला मत बनाओ, दुनिया खेल जाएगी और इन दोनों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन मैं नहीं जी सकता। मेरे भाईयों को सब देना, अच्छा घर बनाना और जो इसने मुझे बोला है गलत साबित करना। मेरे साथ लाइफ में दूसरी हो गया ये, अब हिम्मत नहीं है। सॉरी पापा।

Exit mobile version