दादरी की बेटी ने विदेशी धरती पर चमकाया नाम,America की कंपनी ने दिया 2.08 करोड़ रुपए का ऑफर

चरखी दादरी : समाज में आजकल बेटियां भी किसी से कम नहीं है। यदि बेटियों को मौका मिले तो वे न केवल बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं, बल्कि कई क्षेत्रों में उनसे आगे भी निकल जाती है। देश के रक्षा क्षेत्र (defense field) की बात हो या खेल की, बात चाहे व्यवसाय (business) की हो या फिर कॉरपोरेट जगत (corporate world) की, आज हर क्षेत्र में बेटियां आगे बढ़ रही हैं। ऐसी ही एक मिसाल पेश की है दादरी की बेटी मुस्कान गर्ग (muskan garg) ने। महज 22 वर्षीय मुस्कान गर्ग को हाल ही में अमेरिका (america) की कंपनी उबर टेक्नोलाजिज (uber technologis) ने 2.08 करोड़ रुपये के वार्षिक पैकेज (annual package) का ऑफर दिया है।

बताया जा रहा है कि उनका चयन सॉफ्टवेयर इंजीनियर (software engineer) के पद पर हुआ है। फिलहाल मुस्कान आइआइटी कानपुर (iit kanpur) में बीटेक की छात्रा (b tech student) है। वर्ष 2022 में उन्हें बीटेक की डिग्री मिल जाएगी। मूलरूप से दादरी के गीता भवन (geeta bhawan)  के बैक साइड कॉलोनी निवासी मुस्कान गर्ग के पिता अनिल गर्ग पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट (charted accountant) है।

वह पिछले समय से परिवार सहित छत्तीसगढ़ (chattisgarh) के जगदलपुर में रहते हैं। मुस्कान की प्रारंभिक शिक्षा भी जगदलपुर में ही हुई। बारहवीं कक्षा पास करने के बाद साल 2018 में मुस्कान का दाखिला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी, आइआइटी कानपुर (indian institute of technology kanpur) में बीटेक कोर्स में हुआ था। साक्षात्कार (interview) के दौरान मुस्कान के प्रदर्शन को देखते हुए अमेरिका की कंपनी ने उन्हें करोड़ों रुपये का पैकेज ऑफर कर दिया है। मुस्कान की इस उपलब्धि पर उनके स्वजनों में खुशी का माहौल बना हुआ है।

क्षेत्र को किया गौरवान्वित: डा. अरविंद
मुस्कान के चाचा व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन दादरी (Indian Medical Association Dadri) के पूर्व अध्यक्ष डा. अरविंद गर्ग ने बताया कि मुस्कान शुरू से ही प्रतिभाशाली रही है। उसकी इस उपलब्धि ने परिवार के साथ-साथ क्षेत्र को भी गौरवान्वित किया है। मुस्कान के दादा इंद्रमणि गर्ग, दादरी शांति देवी, ताऊ सुनील गर्ग, चाचा राजकुमार व डा. अरविंद गर्ग ने भी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

मेहनत का नहीं कोई विकल्प : अनिल
मुस्कान के पिता सीए अनिल गर्ग ने कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। इंसान कम संसाधनों में भी कड़ी मेहनत कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्र (naxal affected area) में रहने के बावजूद उनकी बेटी ने पढ़ाई व मेहनत से कोई समझौता नहीं किया। इसी का नतीजा है कि उनकी बेटी को इतना बड़ा पैकेज मिला है। बेटी की इस उपलब्धि में उनकी पत्नी उमा गर्ग का भी विशेष सहयोग रहा है।

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