Bhiwani की Aruna Tanwar दुनिया की चौथे नंबर की खिलाडी, Tokyo पैरा ओलिम्पिक में दिखाएगी अपना दमखम

भिवानी : Bhiwani के गांव दिनोद की बेटी अरुणा तंवर (Aruna Tanwar) टोक्यो (Tokyo) पैरालंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. अरुणा ताइक्वांडो की खिलाड़ी हैं. वह फिलहाल रोहतक स्थित एमडीयू (MDU) के कैंपस में अपने कोच स्वराज सिंह के साथ अभ्यास में जुटी हुई हैं. पैरालंपिक में बेहतर प्रदर्शन के लिए अरुणा (Aruna) ने अपना मनपसंद का खाना तक छोड़ दिया है. अरुणा को चॉकलेट, चिप्स और अन्य फास्ट फूड बेहद पसंद है. मगर अब वह कोच के बताए पौष्टिक आहार के साथ अभ्यास में जुटी हैं.

उल्लेखनीय है कि पैरालंपिक (Para Olympics) के ताइक्वांडो में क्वालिफाई करने वाली अरुणा (Aruna) पहली भारतीय खिलाड़ी हैं. 21 वर्षीय अरुणा 49 किलो भार वर्ग में दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी हैं और इसी के आधार पर उनका पैरालंपिक (Para Olympics) में चयन हुआ है. अरुणा ने वर्ष 2016 में खेल के क्षेत्र में अपना कॅरियर शुरू किया था. परिवार के संघर्ष और उसकी मेहनत से वह अपनी विशेष पहचान बनाकर सामने आई हैं.

यू-ट्यूब (YouTube) पर देख रहीं विदेशी खिलाड़ियों की कमी और खूबी

Aruna फिलहाल रोहतक स्थित एमडीयू (MDU) कैंपस में कोच स्वराज सिंह के मार्गदर्शन में निरंतर अभ्यास कर रही हैं. उसका 2 सितंबर को टोक्यो (Tokyo) में पहला मुकाबला होगा. इसके लिए वह 26 अगस्त को टोक्यो (Tokyo) के लिए उड़ान भरेंगी. महज 30 दिन रह जाने के लिए उसने अभ्यास का समय भी ज्यादा कर दिया है. अब वह छह से सात घंटे रोजाना अभ्यास कर रही है. इसके लिए साथ ही वह विदेशी खिलाड़ियों की खूबी और कमियों को यू-ट्यूब (YouTube) के माध्यम से देख रही हैं.

खेल का जुनून लेकर जा रहा है Tokyo

Aruna Tanwar ने बताया कि उसे खेल बचपन से ही पसंद है. वह बॉक्सर (Boxer) बनना चाहती थी, मगर सामान्य लोगों से उनके हाथ छोटे होने के कारण वह बॉक्सिंग नहीं कर पाई. एक दिन उनके स्कूल में ताइक्वांडो सिखाने के लिए कोच आए थे, तब उसने इस खेल में अपनी रुचि दिखाई. इस दौरान परिवार के सहयोग और उसने जुनून ने उसके इस मुकाम पर पहुंचा गया. अब वह टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए खेलकर स्वर्ण पदक लेकर आएगी, उसे पूरी उम्मीद है.
अरुणा की उपलब्धियां

स्वर्ण पदक (Gold Medal) जीतकर देश का मान बढ़ाएंगी Aruna

47 साल बाद पैरा ताइक्वांडो में भारत प्रतिनिधित्व कर रहा है. अरुणा तंवर की एकाग्रता और खेल के प्रति जुनून उसे स्वर्ण पदक जिताने में अहम भूमिका अदा करेगा. अरुणा की रोज फिजियोथैरेपी करवाई जा रही है, ताकि कोई शारीरिक कमजोरी न रहे. साथ ही पौष्टिक आहार और दूध भी दिया जा है, इससे इम्यूनिटी मजबूत होगी. मैच के अब तो कुछ ही दिन बचे हैं, इसलिए सुबह, दोपहर और शाम तीनों टाइम अभ्यास कर रहे हैं. उम्मीद है अरुणा देश को स्वर्ण पदक दिलाकर अपने देश और परिवार का नाम रोशन करेगी.

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