‘रिलीफ’ नाम से हरियाणा में बनेगा एक और हाइवे, इन जिलों के लोगों को मिलेगा लाभ

पानीपत : पानीपत से दिल्ली जाने वाले वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है. पानीपत से दिल्ली तक दो शहरों के बीच 47 किलोमीटर लंबे हाइवे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. हालांकि सड़क पहले से बनी हुई है लेकिन सड़क कम और गढ्ढे ज्यादा नजर आ रहे हैं और कई जगहों पर सड़क की चौड़ाई भी बेहद कम है जिससे लगातार दुर्घटना घटित हो रही है.

हरियाणा स्टेट रोड़ डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (HSRDC) द्वारा पानीपत से दिल्ली बार्डर तक इस 47 भारतीय लंबी सड़क के सुधारीकरण का कार्य छेड़ दिया गया है. पहले से टूटी-फूटी सड़क को उखाड़ कर मिट्टी डालने का काम किया जा रहा है. इस सड़क निर्माण पर करीब 217 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत राशि खर्च होगी और निर्धारित एजेंसी को दो साल की समयावधि में कार्य पूरा करना होगा.

इस हाइवे के निर्माण से जहा एक तरफ हादसों पर अंकुश लगेगा तो वहीं दूसरी ओर जीटी रोड़ पर भी जाम से मुक्ति मिलेगी. इस सड़क मार्ग को ‘रिलीफ हाइवे’ के नाम से जाना जाएगा. योजना के अनुसार पानीपत से बड़वासनी गांव तक नई सड़क का निर्माण किया जाएगा. एजेंसी को पुरानी सड़क को उखाड़कर मिट्टी डालकर रोलर से लेवलिंग करनी होगी और इसके बाद लेयर डालने का कार्य किया जाएगा. जबकि बड़वासनी से दिल्ली बार्डर तक लेयर बिछाने का कार्य किया जाएगा, जिससे वाहन चालक बिना ब्रेक लगाए सीधे दिल्ली और पानीपत तक पहुंच सकेंगे.

लगेगी लोहे की ग्रिल

सड़क के दोनों तरफ नहर होने के कारण हादसा होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए सुरक्षा के तौर पर पानीपत से बड़वासनी तक सड़क के दोनों तरफ लोहे की ग्रिल लगाई जाएगी. बड़वासनी से दिल्ली तक पुल और जरुरत के हिसाब से सीसी की ग्रिल लगाई जाएगी.

एक-एक आरओबी व आरयूबी और 4 पुल बनेंगे

इस हाइवे पर एक आरओबी, एक आरयूबी और 4 पुलों का निर्माण किया जाएगा. इसमें तीन पुल लोहे के होंगे और एक पुल सीसी का होगा. सड़क पर जहां मिट्टी धंसी होगी वहां मिट्टी बदली जाएगी ताकि लंबे समय तक सड़क की वैलेडिटी बनी रहें.

इस हाइवे पर कोई टोल नाका नहीं होगा, जिससे सीधे-सीधे लोगों को टोल टैक्स से राहत मिलेगी. कराला, रोहिणी, पालम एयर पोर्ट, शकुरपुर जैसे एरिया में इस रास्ते का उपयोग हो सकेगा. इसके साथ ही सोनीपत गोहाना रोड़ पर फ्लाईओवर बनाया जाएगा. यह हाईवे केएमपी एक्सप्रेस-वे को क्रास करते हुए दिल्ली तक जाएगा. नहरों के बीचों-बीच हाइवे होने की स्थिति में स्ट्रीट लाइटें लगाकर रोशनी की व्यवस्था की जाएगी ताकि रात के समय हादसे न हो सकें.

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